मुख्यमंत्री योगी ने कहा-भारी भीड़ व बैरिकेडिंग टूटने से हुई दुखद दुर्घटना, न्यायिक जांच आयोग गठित
- मरने वालों में 25 की पहचान, 36 गंभीर घायलों का अस्पताल में चल रहा इलाज
- जान गंवाने वालों के स्वजन को मिलेगी 25-25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता
- भीड़ का दबाव बढ़ने से अखाड़ों के अमृत स्नान मार्ग की टूट गई थी बैरिकेडिंग
- ब्रह्म मुहूर्त की प्रतीक्षा में तट पर लेटे लोगों की जान पर भारी पड़ा भीड़ का दबाव
यह रहा घटनाक्रम :
- 01 बजे रात के बाद संगम तट पर भीड़ के दबाव से मच गई थी भगदड़
- 12 लाख से ज्यादा श्रद्धालु सिर्फ संगम तट पर थे आधी रात के समय
- 03 बजे भोर में था मौनी अमावस्या के अमृत स्नान का ब्रह्म मुहूर्त
लखनऊ। प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के सबसे बड़े अमृत स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर मंगलवार रात हुए भगदड़ में 30 लोगों की जान चली गई। महाकुंभ मेला पुलिस ने बुधवार शाम इसकी पुष्टि की। वहीं भगदड़ में कुल 90 श्रद्धालु घायल हुए, जिनमें 30 की मौत हो गई। 36 का अस्पताल में उपचार चल रहा है, जबकि 24 स्नानार्थियों को उनके घर भेज दिया गया। मृतकों में 25 की पहचान हो गई है। मरने वालों में उत्तर प्रदेश के अलावा कर्नाटक के चार और असम व गुजरात के एक-एक व्यक्ति शामिल हैं।

न्यायिक जांच के आदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुर्घटना को गंभीरता से लेते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व न्यायमूर्ति हर्ष कुमार की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच आयोग गठित कर न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। घटना की पुलिस जांच भी होगी। मुख्यमंत्री ने हादसे में जान गंवाने वालों के स्वजन को 25-25 लाख रुपये आर्थिक सहायता प्रदान किए जाने की घोषणा की है। न्यायिक आयोग में पूर्व पुलिस महानिदेशक वीके गुप्ता व पूर्व आइएएस अधिकारी डीके सिंह बतौर सदस्य शामिल हैं। आयोग एक माह में अपनी जांच रिपोर्ट शासन को सौंपेगा।
सीएम योगी ने कहा घटना एक सबक भी है
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि भारी भीड़ व बैरिकेडिंग टूटने से हुआ यह दुखद हादसा हुआ है। यह घटना एक सबक भी है। कई बार समीक्षा व स्थानीय स्तर पर सतर्कता बरते जाने के बाद भी ऐसे हादसे होते हैं और हुए हैं, सरकार ने इसकी तह तक जाने का निर्णय किया है। इसके दृष्टिगत ही न्यायिक जांच आयोग गठित किया गया है। आने वाले स्नान पर्वों पर और कड़े सुरक्षा प्रबंध सुनिश्चित कराने के लिए मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह व डीजीपी प्रशांत कुमार गुरुवार को प्रयागराज जाएंगे। घटना के कारणों की पड़ताल कर अपनी रिपोर्ट देंगे।
राजसी पथ की बैरिकेडिंग टूट गई
बुधवार शाम महाकुंभ के मीडिया सेंटर में मेलाधिकारी विजय किरन आनंद के साथ पहुंचे डीआइजी महाकुंभ नगर वैभव कृष्ण ने सबसे पहले भगदड़ की वजह बताई। कहा कि मंगलवार आधी रात के करीब संगम तट पर भारी भीड़ का दबाव बन गया था। लाखों की संख्या में श्रद्धालु संगम तट पर ब्रह्म मुहूर्त में पावन संगम में पुण्य की डुबकी लगाने की प्रतीक्षा कर रहे थे। बड़ी संख्या में लोग लेटे थे। इसी बीच भीड़ का अतिरिक्त दबाव बन गया, जिससे अखाड़ों के अमृत स्नान के लिए बनाए गए राजसी पथ की बैरिकेडिंग टूट गई और भीड़ आगे बढ़ते हुए स्नान करने की प्रतीक्षा कर रहे श्रद्धालुओं पर चढ़ गई। इससे वहां भारी अफरा-तफरा मच गई। तट पर जो लोग प्रतीक्षा में लेटे थे, वे दबते गए। वहां मौजूद पुलिस और प्रशासनिक अफसरों ने फौरन राहत कार्य शुरू करा दिया। लगभग 90 घायलों को एंबुलेंस से महाकुंभ मेला के केंद्रीय अस्पताल में पहुंचाया गया।
हादसे की तह में जाने की आवश्यकता है
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रयागराज में बुधवार को आठ करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं का दबाव था। पड़ोस के जिलों मीरजापुर, भदोही, प्रतापगढ़, फतेहपुर व कौशांबी में भी होल्डिंग एरिया बनाकर श्रद्धालुओं को रोका गया था, जिन्हें अखाड़ों का अमृत स्नान संपन्न होने के बाद आगे भेजा गया। रेलवे स्टेशनों पर भी लगातार दबाव बना रहा। यह सभी घटनाएं मर्माहत करने वाली हैं और एक सबक भी हैं। हादसे की तह में जाने की आवश्यकता है।
जारी किए गए आवश्यक फोन नंबर
- हेल्पलाइन नंबर -1920
- प्रयागराज मेला प्राधिकरण- 0532-2504011 0532-2500775
- महाकुंभ वाट्सएप चैटबाट – 08887847135
- महाकुंभ फायर हेल्पलाइन -1945
- महाकुंभ फूड एंड सप्लाई हेल्पलाइन- 1010
- महाकुंभ एंबुलेंस- 102 व 108
- महाकुंभ मेला पुलिस हेल्पलाइन 1944
- महाकुंभ डिजास्टर हेल्पलाइन 1077