प्रदेश में सबसे पुरानी छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स इन दिनों संगठन के पूर्व अध्यक्ष के बयान को लेकर सुर्खियों में है। उन्होंने मामले में रजिस्ट्रार फर्म सोसायटी और वाणिज्य मंत्री लखन देवांगन से शिकायत भी की है और कोर्ट की शरण में जाने की चेतावनी भी दी है। ज्ञात होकि संगठन के पूर्व अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी ने पदाधिकारियों पर चेंबर के संविधान में संशोधन करने के आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि 27 अप्रैल को चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष और पदाधिकारियों ने विशेष आमसभा बुलाकर चेंबर के संविधान में संशोधन किया है।
अध्यक्ष को पत्र लिखकर मांगा जवाब
पूर्व अध्यक्ष सुंदरानी ने कहा कि तीन प्रमुख पदों पर दो बार चुनाव लड़ने का नियम है पर पदाधिकारी संविधान संशोधन कर नियम बदलना चाहते हैं। इस संबंध में उन्होंने चैंबर के अध्यक्ष अमर पारवानी को खत लिखकर लिखित में जवाब मांगा है। उन्होंने कहा कि चेंबर में करीब 25 हजार सदस्य हैं, लेकिन विशेष सामान्य सभा में सिर्फ 250 के करीब लोगों को ही बुलाया गया। उनकी सहमति से संविधान संशोधन को मान्य कर लिया गया ।
पुरानी बैठकों के निर्णय को किया गया अनुमोदित
दूसरी ओर सुंदरानी के इन आरोपों को लेकर चेंबर के कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव ने कहा कि चेंबर की ओर से विशेष आम सभा ली गई थी। जिसमें पूरे प्रदेश से सदस्य आए थे। बैठक में सिर्फ पुरानी बैठकों के निर्णय को अनुमोदित किया गया है । वर्तमान पदाधिकारियों में से किसी ने भी नियमों की अनदेखी नहीं की है। चैंबर का संविधान संशोधन नियमों के अनुरूप हुआ है। सुंदरानी को संदेह है तो वे आफिस आकर प्रमाण देख लें। चैंबर का चुनाव कोई भी लड़ सकता है। वो खुद भी लड़ सकते हैं।