रायपुर ।अगर आप आयकर रिटर्न दाखिल करते हैं तो आपके लिए बड़े काम की खबर है कि आयकर विभाग द्वारा टैक्स चोरों पर लगाम और कसी जा रही है, इसलिए आपको अपना रिटर्न पूरी ईमानदारी के साथ भरना चाहिए। बताया जा रहा है कि ऐसे करदाता, जिनकी सालाना आय 50 लाख रुपए से ज्यादा है और उन्होंने अपनी आय डिक्लीयर नहीं की है, आयकर विभाग द्वारा उनके दस साल पुराने मामलों को भी खंगाला जा सकता है। इस बारे में आयकर विभाग द्वारा अपने अधिकारियों को दिशा निर्देश भी जारी किए गए हैं।
टैक्सपेयर्स की आय में कोई एडिशन नहीं कर सकते हैं
जानकारों के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने भी पिछले वर्ष एक मामले में फैसला सुनाया था कि आइटी कानून की धारा 153ए के तहत आयकर अधिकारी रिएसेसमेंट प्रासीडिंग के दौरान किसी टैक्सपेयर्स की आय में कोई एडिशन नहीं कर सकते हैं। इसके लिए उनके पास पर्याप्त सबूत होने चाहिए। हालांकि कोर्ट ने यह भी कहा था कि आइटी कानून की धारा 147 और 148 के तहत रिएसेसमेंट को रिस्टोर किया जा सकता है।
दिशा निर्देश जारी किए गए
इस फैसले के बाद ही आयकर अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। आयकर सूत्रों के अनुसार प्रदेश में भी बहुत से ऐसे मामले हैं, जिन पर आयकर विभाग लगातार निगाहें बनाए हुए है और कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। कर विशेषज्ञों का कहना है कि इसके चलते करदाताओं को अपना आयकर रिटर्न पूरी ईमानदारी के साथ भरना चाहिए।
इस कानून के बारे में जानना है जरूरी
फाइनेंस एक्ट 2021 में जोड़ी गई धारा 148ए के तहत 10 वर्ष पुराने मामलों को खोला जा सकता है, लेकिन इसके लिए सालाना आय 50 लाख रुपये से अधिक होनी चाहिए यानी 50 लाख रुपये से कम सालाना आय वाले मामलों को नहीं खोला जाए।