जब अकाउंटेंट और क्लर्क ने अपना वेतन लंबे समय तक नहीं निकाला, तब मैनेजर को शक हुआ
रायपुर। Scam of Rs 52 lakh in District Cooperative Bank vyavasaykhabar.com रायपुर के जिला सहकारी बैंक में 52 लाख रुपये के घोटाला का मामला सामने आया हुआ है। यह घोटाला वर्ष 2017 से 2022 के बीच हुआ था। जब अकाउंटेंट और क्लर्क ने अपना वेतन लंबे समय तक नहीं निकाला, तब मैनेजर को शक हुआ। शिकायत पर विजिलेंस सेल की जांच में पूरे घोटाले का राजफाश होने पर मामला पुलिस तक पहुंचा। मामले में पुलिस ने बैंक अकाउंटेंट और क्लर्क को गिरफ्तार किया है।
मौदहापारा पुलिस के मुताबिक जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित मौदहापारा में 18 मई, 2013 से पदस्थ सीओडी शाखा प्रबंधक शरद चंद्र गांगने ने शिकायत दर्ज कराई थी कि बैंक की विजिलेंस सेल ने 23 अगस्त, 2023 को निरीक्षण के दौरान शाखा में पदस्थ कनिष्ठ लिपिक चंद्रशेखर डग्गर और शाखा के सेवानिवृत सहायक लेखापाल अरुण कुमार बैसवाड़े के बचत अमानत खाते का परीक्षण करने पर मासिक वेतन की राशि जमा होने के बावजूद अत्यधिक आर्थिक लेन-देन नहीं करना पाया था।
जांच में पाया गया कि लेखापाल बैसवाडे, कनिष्ठ लिपिक डग्गर और पूर्व सहायक लेखापाल संजय कुमार शर्मा ने मिलीभगत कर अनाधिकृत रूप से वर्ष 2017 से 2022 के दौरान विभिन्न तिथियों में शाखा की एफडी समेत अन्य खातों में ब्याज की हेराफेरी की, जो करीब 52 लाख की थी। इसमें कई ग्राहकों के भी अकाउंट थे, जिन्हें तीनों आरोपितों ने खुद के लिए इस्तेमाल किया था।
आरोपितों को पुलिस ने ऐसे दबोचा
एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर) लखन पटले को फरार आरोपितों की गिरफ्तारी करने को कहा। पुलिस ने बैंक मैनेजर सहित अन्य बैंक कर्मियों से विस्तृत पूछताछ कर आरोपितों की पतासाजी शुरू की। उनके मोबाइल लोकेशन ट्रेस होते ही न्यू राजेंद्रनगर इलाके के अमलीडीह बरड़िया बिहार निवासी अरुण कुमार बैसवाडे (66) और बढ़ईपारा झंडा चौक के पास जोरापारा (मौदहापारा) निवासी संजय कुमार शर्मा (52) को घेराबंदी कर गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों को कोर्ट में पेश कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया।
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