-भारी बारिश और बाढ़ से सात की मौत, 300 लोगों को बचाया गया
-15 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया
अहमदाबाद। गुजरात में लगातार तीसरे दिन भारी बारिश आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया और निचले इलाकों में बाढ़ आ गई। राज्य में भारी बारिश और बाढ़ से सात लोगों की मौत हो गई है, जबकि 300 लोगों को बचाया गया है। लगातार बारिश के कारण बांधों और नदियों का जलस्तर बढ़ने के मद्देनजर 15 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है। प्रशासन ने बड़े पैमाने पर बचाव और राहत अभियान चलाया है। इस अभियान में सेना की छह टुकड़ियों को तैनात किया गया है।
22 प्लाटून बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किए गए
बचाव कार्यों के लिए देवभूमि द्वारका, आनंद, वडोदरा, खेड़ा, मोरबी और राजकोट जिलों में सेना की एक-एक टुकड़ी तैनात है, जबकि एनडीआरएफ के 14 प्लाटून और एसडीआरएफ के 22 प्लाटून बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किए गए हैं। अधिकारियों के अनुसार, राज्य के अलग-अलग हिस्सों में बारिश से जुड़ी घटनाओं में गांधीनगर, खेड़ा और वडोदरा जिले में दीवार गिरने की घटनाओं में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि आणंद जिले में पेड़ गिरने से एक व्यक्ति और बारिश के पानी में डूबने से दो अन्य लोगों की जान चली गई है। पंचमहल, नवसारी, वलसाड, वडोदरा, भरूच, खेड़ा, गांधीनगर, बोटाद और अरावली जिले के प्रशासन ने नदियों और बांधों में जलस्तर बढ़ने तथा निचले इलाकों में बाढ़ आने के बीच हजारों लोगों को एहतियातन सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।
लगभग 100 प्रतिशत पानी बरस चुका
पंचमहल में जिला प्रशासन ने लगभग दो हजार लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया है, जबकि नवसारी में यह आंकड़ा 1,200, वडोदरा में 1,000 और वलसाड में 800 है। राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, गुजरात में अब तक औसत वार्षिक बारिश का लगभग 100 प्रतिशत पानी बरस चुका है। आइएमडी ने बुधवार और गुरुवार को सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र में अति भारी बारिश होने का अनुमान जताया है। वहीं, गुरुवार तक राज्यभर में भारी से बहुत भारी बारिश होने का पूर्वानुमान है। सुरेंद्रनगर जिले में भोगावो नदी पर एक छोटा पुल बांध से पानी छोड़े जाने के बाद अचानक ढह गया। घटना में कोई हताहत नहीं है।