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27 वर्ष बाद रवि, सर्वार्थसिद्धि, ब्रह्म योग में विराजेंगे विघ्नहर्ता श्रीगणेश

10 दिवसीय उत्सव सात सितंबर से शुरू हो रहा, शुभ मुहूर्त में पूजन से मिलेगी सुख, संपत्ति में वृद्धि

रायपुर। प्रथम पूज्य भगवान श्रीगणेश पर्व का 10 दिवसीय उत्सव सात सितंबर से शुरू हो रहा है। 27 वर्ष पश्चात इस वर्ष गणेश चतुर्थी पर रवि और सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ दिनभर ब्रह्म योग का संयोग बन रहा है। छत्तीसगढ़ सहित देशभर में इन शुभ संयोगों में भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा प्रतिष्ठापित कर सकेंगे। चित्रा और स्वाति नक्षत्र, अभिजीत मुहूर्त का संधि काल है। इस संयोग पूजन से वैभव, संतान और सुख संपत्ति की प्राप्ति होगी। ज्योतिषाचार्य की माने तो भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को गणेशजी का जन्म हुआ था। घर-घर में और पंडालों में शुभ मुहूर्त में गणेश प्रतिमा विराजित करने से मंगलदायी फल की प्राप्ति होती है। गणेश चतुर्थी से एक दिन पहले छह सितंबर को सुबह 9:27 बजे रवि योग शुरू हो रहा है। सात सितंबर को प्रतिमा स्थापित की जाएगी।

गणेश प्रतिमा स्थापना का शुभ मुहूर्त
ऐसी मान्यता है कि भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि को सोमवार के दिन मध्यान्ह काल में, स्वाति नक्षत्र और सिंह लग्न में हुआ था। मध्यान्ह काल में भगवान गणेश की पूजा करने का विशेष महत्व है।
मुहूर्त : सुबह 7:30 से नौ बजे
सुबह 11:02 बजे से दोपहर 1:34 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त 11:40 से 12:20
व्यापारी वर्ग : 12 से 1:30 और 1:30 से 3 बजे तक

गणेश मंत्र का जाप करें
0 ऊं गं गणपतये नमो नमः
0 ऊं एकदंताय विहे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात्
0 इदं दुर्वादलं ऊं गं गणपतये नमः
0 ऊं श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।

मिट्टी के गणेश की करें स्थापना
मिट्टी से बने भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें। अनंत चतुर्दशी के दिन विसर्जन करें।

चंद्रदर्शन न करें
ऐसी मान्यता है कि गणेश चतुर्थी को चंद्र दर्शन नहीं करना चाहिए। चंद्र दर्शन करने से मिथ्या आरोप लगता है।

विविध सामग्री की गणेश प्रतिमा का महत्व

  • सफेद चावल से प्रतिमा बनाकर गणेशजी का शीश लाल चावल से बनाएं।
    -आम की लकड़ी के आसन पर बिठाने से पारिवारिक शांति होगी।
  • हरे रंग की खड़ी मूंग दाल और गुड़ के गणेश की पूजा से बुद्धी में वृद्धि होगी।
  • लाल चंदन के गणेश को लाल आसन पर स्थापित कर पूजन करने से से ऊर्जा बढ़ेगी। प्रतियोगिता में सफलता, रोग ठीक होंगे।
  • गोबर के गणेश से आर्थिक और न्यायिक, कोर्ट कचहरी संबंधी समस्या का समाधान होगा।

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