- जमा बीमा एवं ऋण गारंटी निगम ने की दावा सूचक की शुरुआत
- केवल पंजीकृत मोबाइल के जरिये क्लेम पर रखी जा सकेगी नजर
नई दिल्ली। विफल बैंकों के जमाकर्ताओं के दावे की स्थिति पर नजर रखने के लिए जमा बीमा एवं ऋण गारंटी निगम (डीआइसीजीसी) ने एक आनलाइन उपकरण दावा सूचक की शुरुआत की है। आरबीआइ की पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी कंपनी डीआइसीजीसी ने कहा कि जमाकर्ता अब डीआइसीजीसी वेबसाइट पर अपना मोबाइल नंबर (बैंक में पंजीकृत) दर्ज करके अपने दावों की स्थिति पर नजर रख सकते हैं।
बीमा कवरेज को बढ़ा दिया गया
डीआइसीजीसी ने बताया कि जमाकर्ता एक अप्रैल, 2024 के बाद सभी समावेशी निर्देशों (एआइडी) के तहत रखे गए बैंकों के लिए अपने दावों की स्थिति देख सकते हैं। डीआइसीजीसी का काम विफल बैंकों के जमाकर्ताओं को बीमित राशि उपलब्ध कराने में मदद करना है। निगम यह सुनिश्चित करता है कि संस्थागत जमा को छोड़कर बैंकों के पास सभी श्रेणियों की जमा राशियां सुरक्षित रहें। इसके लिए बीमा कवरेज को बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया गया है।
97.8 प्रतिशत पूरी तरह सुरक्षित हैं
डीआइसीजीसी ने बताया कि वर्तमान में कुल जमा खातों में से 97.8 प्रतिशत पूरी तरह सुरक्षित हैं। शेष 2.2 प्रतिशत खातों में पांच लाख रुपये की राशि बीमा के दायरे में हैं। मूल्य के लिहाज से मार्च 2024 तक 43.1 प्रतिशत जमाराशि बीमा के दायरे में थी। बैंक विफल होने के मामलों में वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान डीआइसीजीसी ने 1,432 करोड़ रुपये के दावों का निपटान किया है। 31 मार्च 2024 तक डीआइसीजीसी के पास 1,997 बैंक पंजीकृत थे। इसमें 140 वाणिज्यिक बैंक और 1,857 सहकारी बैंक शामिल हैं। वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान निगम को सभी बैंकों से 23,879 करोड़ रुपये का प्रीमियम मिला है। इसमें वाणिज्यिक बैंकों की 94.4 प्रतिशत हिस्सेदारी रही है।