वानिकी महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र सांकरा में पक्षियों के पहचान और उनके सरंक्षण पर प्रशिक्षण कार्यक्रम
पाटन (रायपुर)। वानिकी महाविद्यालय सांकरा दुर्ग एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वाधान में पक्षियों की पहचान एवं उनके संरक्षण पर एक दिवस प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों की पहचान और वनों में उनके संरक्षण के महत्व को अवगत कराना है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डा अमित दीक्षित अधिष्ठाता उद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय सांकरा ने पक्षियों की पारिस्थितिकी तंत्र में विशेष भूमिका के बारे में बताया।
पक्षी पारिस्थितिकी तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा
कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख वक्ताओं ने बताया कि पक्षी पारिस्थितिकी तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं । उनके संरक्षण से पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है। कार्यक्रम में अतिथि वक्ता आलोक कुमार चंद्राकर, सहायक क्षेत्रीय निदेशक पंडित सुंदरलाल शर्मा विश्वविद्यालय बिलासपुर एवं ड फर्गस मार्क एंथोनी ,जैव विविधता सलाहकार ने विद्यार्थियों को पक्षियों की पहचान एवं उनके संरक्षण के लिए जागरूक किया । पक्षियों के विशेष महत्व जैसे परागण,बीज के फैलाव , पर्यावरण के विभिन्न परिवर्तन के सूचक के रूप में एवं प्रवासी पक्षियों के विशेष महत्व को बताएं कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ.राजेश कुमार सहायक अध्यापक, डा, आयुषी त्रिवेदी सहायक प्राध्यापक,डाक्टर गागेंद्र सिंह राजपूत राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ।