सरकार का लक्ष्य है कि दो साल के भीतर हमारी लाजिस्टिक लागत एक अंक में आ जाए
मुंबई। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को मुंबई में आयोजित स्पेन-भारत व्यापार शिखर सम्मेलन के दौरान अगले एक दशक में भारत को दुनिया का शीर्ष आटोमोबाइल हब बनाने का विजन पेश किया। उत्पादन लागत और श्रम के मामले में भारत के प्रतिस्पर्धी लाभों का हवाला देते हुए गडकरी ने कहा, “हमारे आटोमोबाइल उद्योग का आकार 22 लाख करोड़ रुपये है। चीन के आटोमोबाइल उद्योग का आकार 44 लाख करोड़ रुपये और अमेरिका का 78 लाख करोड़ रुपये है। अब हमारा लक्ष्य 10 साल के भीतर भारत के आटोमोबाइल उद्योग को दुनिया में नंबर एक बनाना है।
अन्य देशों की तुलना में काफी कम
गडकरी ने कहा कि भारत की उत्पादन लागत अन्य देशों की तुलना में काफी कम है, लेकिन उच्च लाजिस्टिक लागत भारत के लिए एक परेशानी का सबब है। बुनियादी ढांचे के विकास, बेहतर सड़कों और बंदरगाहों के साथ हमारी लाजिस्टिक लागत कम हो रही है। गडकरी ने कहा, “अमेरिका और यूरोपीय देशों में यह 12 प्रतिशत है जबकि भारत के संदर्भ में यह 14 से 16 प्रतिशत तक जाती है। इसलिए यह पहली बार है जब हमने इस लागत को कम करने का फैसला किया है। हमारे पास अब बहुत सारे एक्सप्रेस हाईवे, 36 ग्रीन एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेस हाईवे हैं।
हमारी लाजिस्टिक लागत एक अंक में आ जाए
हमारा एनएचआई ट्रिपल-ए रेटिंग वाला है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि दो साल के भीतर हमारी लाजिस्टिक लागत एक अंक में आ जाए। गडकरी ने आयातित जीवाश्म ईंधन पर देश की भारी निर्भरता को स्वीकार किया, जिसकी कीमत सालाना 22 लाख करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा, “हमारे देश के लिए यह एक महत्वपूर्ण आर्थिक चुनौती है कि हम 22 लाख करोड़ रुपये का जीवाश्म ईंधन आयात करते हैं। हमारे पास इलेक्ट्रिक कार, इलेक्ट्रिक बसें, इलेक्ट्रिक स्कूटर, इलेक्ट्रिक आटो रिक्शा और अब इलेक्ट्रिक ट्रक भी तैयार हैं और इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर भी हैं। इसलिए हम वैकल्पिक ईंधन और जैव ईंधन बना रहे हैं।