जनता अब ठाकुर परंपरा के बदले विकास के नाम चाहती है बदलाव: संदीप पाण्डेय
पंकज दुबे.महाराष्ट्र (मुंबई-नालासोपारा)। 288 सदस्यों वाली महाराष्ट्र विधानसभा 2024 के लिए 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे, और मतगणना तीन दिन बाद 23 नवंबर को होगी। चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की समय सीमा समाप्त हो गई। सभी बड़ी पार्टी ने अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है। निर्वाचन आयोग के मुताबिक 7,995 उम्मीदवारों ने 10,905 नामांकन दाखिल किए हैं। गौरतलब होकि महाराष्ट्र विधानसभा में सरकार बनाने का जादुई आंकड़ा 145 है। वहीं महाराष्ट्र विधानसभा 2024 के चुनाव में मुंबई से सटे 132 नालासोपारा विधानसभा के सीट को लेकर काफी चर्चा है, क्योंकि इस बार के परिणाम काफी चौकाने वाले हो सकते है। स्थानीय जनता और लगातार बढ़ रही मूलभूत जरूरतों को देखते हुए अब यहाँ के मतदाताओं को एक क्षत्र राज्य के बदले विकास चाहिए। जिससे इस बार बदलाव की बहार देखी जा रही है।
तीन बार से विधायक हैं क्षितिज: 2009 में नालासोपारा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के अस्तित्व में आने के बाद से बीवीए (बहुजन विकास अघाड़ी) के विधायक क्षितिज ठाकुर लगातार तीन बार इस सीट से विधायक चुने जा रहे है। उन्होंने 2009 में शिवसेना के शिरीष चव्हाण को हराया और महाराष्ट्र के सबसे युवा विधायक (26 वर्ष) बने। फिर 2014 में राजन नाइक को हराया और फिर प्रदीप शर्मा को हराया, जो कि बहुत चर्चित चुनाव था।
जनता के बदलते सोच को समझना होगा
हालांकि स्थानीय मांग और जनता जर्नादन के बदलते सोच को देखते हुए यह समझना होगा कि अब लोकसभा में भाजपा की हार के बाद और अल्पसंख्यकों के मतदान के तरीके के बाद, इस बार के विधानसभा चुनाव के परिणाम काफी चौकाने वाले हो सकते है। शायद इसी बदलाव को देखते हुए पिछले पंद्रह वर्ष से एक क्षत्र राज कर रहे विधायक क्षितिज ठाकुर को मात देने के लिए महाविकास अघाड़ी (कांग्रेस) ने युवा और सभी वर्गो में अपने कार्य के प्रति छाप छोड़ने वाले संदीप पाण्डेय को प्रत्याशी बनाकर उतारा है। बीजेपी ने राजन नाईक को प्रत्याशी के तौर पर मौका तो जरूर दिया है, लेकिन स्थानीय लोगों को भी इस बार पार्टी से नए चेहरे की उम्मीद थी।
समस्या पर सिर्फ दिया गया आश्वासन
खैर, इन तीनों प्रमुख विधानसभा प्रत्याशियों के जीत परिणाम को लेकर अभी प्रबल दावेदारी की बात करना तो जल्दबाजी होगा, क्योंकि निवार्चन अधिकारी से जारी परिणाम के बाद ही पता चलेगा कि कौन प्रत्याशी किस पर भारी रहा है। लेकिन नालासोपारा विधानसभा के 132 में फुटपाथों पर अतिक्रमण, हज़ारों अवैध निर्माण, स्वच्छता की चिंता, रातों-रात झुग्गियां बन जाना, अवैध फेरीवालों का आतंक, लोगों के पास सड़कों पर चलने के लिए जगह न होना, ट्रैफ़िक जाम अपने चरम पर पहुंच जाना और प्रदूषण के मुद्दों पर ध्यान न दिए जाने जैसे विषयों पर एक ही बात निकलकर सामने आ रही है कि यहां की जनता अब विकास के नाम पर बदलाव चाहती है।
उत्तरभारतीय वोट्स बदल सकते है परिणाम:शॉपिंग माल, मल्टी स्टोरी बिल्डिंग, बड़े शो रूम के बदले मूलभूत परेशानियों से निजात पाना चाहती है। जिसकी मांग पिछले पंदह साल से स्थानीय जनता कर रही है, लेकिन कभी वादों के नाम पर, कभी प्रदर्शन तो कभी आश्वासन के नाम पर सिर्फ भरोसा देकर उम्मीद दिखाई गई। समस्यां बनी रही, वादे बदलते रहे, पर विकास के नाम पर स्थानीय जनता को कुछ भी नहीं मिला। आपको बता दें कि नालोसापारा लगभग पांच लाख 98 हजार मतदाताओं वाला सबसे बड़ा निर्वाचन क्षेत्र है और यहां उत्तर भारतीय वोटों की संख्या सबसे अधिक है। जिससे उत्तरभारतीय वोट्स यदि विकास के नाम पर बदलाव की सोच पर आ गए, तो परिणाम बदल जाएगा। नए व युवा कैंडिडेट को मौका मिल जाएगा।
महाविकास अघाड़ी ने युवा प्रत्याशी संदीप को दिया टिकट, सभी वर्गों में खुशी
132 नालासोपारा विधानसभा की तीन प्रत्याशियों में सबसे अधिक चर्चा महाविकास अघाड़ी (कांग्रेस, यूबीटी, एनसीपी, समाजवादी पार्टी, स्वाभिमानी पक्ष, सीपीएम समेत सात दल) के संदीप पाण्डेय को लेकर देखी जा रही है, क्योंकि उन्हे टिकट देने से पहले कई नामों की चर्चा थी। हालांकि मुंबई कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष (पीसीसी) नाना पटोले उर्फ नानाभाऊ के चहते कहे जाने वाले संदीप पाण्डेय को प्रत्याशी बनाकर चल रहे सस्पेंस को आखिरकार खत्म कर दिया गया। कांग्रेस प्रत्याशी संदीप पाण्डेय के राजनीतिक करियर की बात की जाए तो वह एक सुलझे और युवाओं के चेहते नेता के तौर पर देखे जाते है। नालासोपारा के स्थानीय मुद्दे से भलीभांति परिचीत है, नगर पालिका का घेराव से लेकर अग्रवाल नगर के लोगों की परेशानियों को लेकर सड़कों पर उतर चुके है। स्थानीय लोगों की मांग और उन परेशानियों को किस प्रकार से सुधारा जा सकता है। इसको लेकर उनके पास बेहतर कार्ययोजना है। उत्तरभारतीय ही नहीं बल्की हर वर्ग के लोगों में संदीप पाण्डेय की पकड़ है, जिसके बदौलत वह अपनी जीत तय मान रहे है। दूसरी तरह इन तमाम विषयों को देखते हुए कांग्रेस पार्टी ने जहां उन्हे उम्मीद्रवार बनाकर पार्टी कार्यकर्ताओं में यह संदेश देने का प्रयास किया है कि पार्टी में कार्य करने वाले हर कार्यकर्ता का सम्मान है। उसे लंबे समय की राजनीतिक का प्रमाणपत्र देने की जरूरत नहीं है। पार्टी के प्रति समर्पित उसके कार्य और जनता के हितों के लिए सड़क पर उतरने वाले कांग्रेस कार्यकर्ता के साथ पार्टी पूरी तरह से खड़ी है।
लोकसभा चुनाव के दौरान उत्तर भारतीयों के वोट निर्णायक थे
132 नालासोपारा विधानसभा क्षेत्र से राजन नाईक को बीजेपी की ओर से उम्मीदवार घोषित किया गया है। उम्मीदवारी की घोषणा होते ही भाजपा कार्यकर्ता और पदाधिकारी खुशी से झूम उठे है। हालांकि पालघर लोकसभा चुनाव में बीजेपी के डॉ. हेमंत सवरा ने नालासोपारा से 71 हजार वोटों की बढ़त के साथ सांसद चुने गए। शिवसेना (शिंदे समूह) और भाजपा दोनों दावा कर रहे थे कि नालासोपारा निर्वाचन क्षेत्र में लोकसभा चुनाव के दौरान उत्तर भारतीयों के वोट निर्णायक थे। इसलिए इस सीट को पाने के लिए पार्टी में खींचतान शुरू हो गई थी। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने रविवार को नई दिल्ली स्थित भाजपा के केंद्रीय कार्यालय से विधानसभा उम्मीदवारों की पहली सूची की घोषणा की। भाजपा के नालासोपारा विधानसभा प्रमुख और पूर्व जिला अध्यक्ष राजन नाईक को नालासोपारा विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार घोषित किया गया है। नालासोपारा विधानसभा भाजपा प्रत्याशी राजन नाईक ने कहा कि ठाकुर परिवार की नालासोपारा और वसई में लगभग 15 वर्षों से सत्ता है, लेकिन शहर का विकास नहीं हो पाया है। ऐसे में विकास का दूसरा पर्याय सिर्फ भारतीय जनता पार्टी है।…..