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सात दोस्तों के साथ मिलकर बनाई थी आईटी उद्योगपति शिव नादर ने माइक्रोकॉप कंपनी

हुरुन इंडिया फिलैंथ्रॉपी लिस्ट में वित्त वर्ष 2023-24 एचसीएल के शिव नाडर फिर रहे देश के सबसे बड़े दानदाता

नई दिल्ली। हुरून इंडिया ने पिछले वर्ष देश में परोपकारी कार्यों के लिए दान देने वालों की ताजा सूची जारी की है। इस सूची में देश के कुल 1,539 अमीरों को शामिल किया गया है, जिनमें प्रत्येक की व्यक्तिगत संपत्ति एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा है। वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान परोपकारी कार्यों के लिए दान देने में कौन-किस स्थान पर रहा है। आपको बता दें कि हुरुन इंडिया फिलैंथ्रॉपी लिस्ट 2023 में लगातार तीन साल तक ‘देश के सबसे उदार व्यक्ति’ का ही खिताब पाने वाले प्रसिद्ध भारतीय आईटी उद्योगपति शिव नादर को ही मिला है।
शिव नादर कौन है?
दरअसल शिव नादर एक हैं। वे एचसीएल और शिव नादर फाउंडेशन के संस्थापक हैं। एचसीएल एशिया की बड़ी आईटी कंपनियों में से एक है। आईटी क्षेत्र के अलावा शिव नादर अपने शिव नादर फाउंडेशन के जरिए सामाजिक क्षेत्रों भी कार्य कर रहे हैं। शिव नाडर और उनका परिवार अपने परोपकारी कार्यों के लिए भी प्रसिद्ध है। मिंट में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने वित्तीय वर्ष 2022-2023 के दौरान लगभग 2,042 करोड़ रुपये (रोजाना लगभग 5.6 करोड़ रुपये) दान किए. दान के अलावा, शिव नाडर ने चेन्नई में एसएसएन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग की स्थापना की और एचसीएल टेक्नोलॉजीज के माध्यम से कई शैक्षिक संस्थानों का समर्थन किया।
शिव नादर की कहानी :
14 जुलाई 1945 को तमिलनाडु के तूतीकोरिन जिले में जन्मे शिव नादर ने सेंट जोसेफ बॉयज हायर सेकेंडरी स्कूल से पढ़ाई की थी। अपने करियर की शुरुआत पुणे में वॉलचंद ग्रुप कूपर इंजीनियरिंग के साथ की थी। साल 1967 में नादर ने अपने सात दोस्तों के साथ मिलकर माइक्रोकॉप कंपनी बनाई, लेकिन उसे आगे चलकर बेच दिया। इसके बाद साल 1976 में उन्होंने दिल्ली में एक कमरे में एचसीएल इंटरप्राइजेज की स्थापना की थी। साल 1978 में एचसीएल ने भारत का पहला 8C माइक्रो कंप्यूटर डिजाइन और प्रस्तुत किया। बाद में 1980 में एचसीएल ने 16-बिट प्रोसेसर माइक्रो कंप्यूटर लॉन्च किया।
पहली ब्रांच सिंगापुर में खोली:
साल 1980 में एचसीएल ने भारत के बाहर अपनी पहली ब्रांच सिंगापुर में खोली। साल 1988 में एचसीएल ने UNIX कंप्यूटर बनाया था। साल 2000 तक एचसीएल ने अपना कारोबार IT सर्विसेज की तरफ डायवर्सिफाई किया और एचसीएल टेक्नोलॉजीज शुरू की। आज एचसीएल आईटी के अलावा भी कई क्षेत्रों में काम करती है। आईटी उद्योग में उनके बड़े योगदान के लिए उन्हें 2008 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया.
बेटी को सौंप दी चेयरमैन जिम्मेदारी
40 साल से अधिक समय तक एचसीएल टेक्नोलॉजीज का नेतृत्व करने के बाद, शिव नाडर ने चेयरमैन पद से हटकर अपनी बेटी रोशनी नाडर को जिम्मेदारी सौंपी. रोशनी नाडर देश की सबसे अमीर महिलाओं में से एक हैं और वह अपने पिता की तरह बिजनेस और परोपकार की पारिवारिक विरासत को आगे बढ़ा रही हैं. आज वह एचसीएल टेक्नोलॉजीज की चेयरपर्सन हैं और अपनी मेहनत और दूरदर्शिता के दम पर एचसीएल को नई ऊंचाइयों तक ले गई हैं. रोशनी को भी समाज सेवा में गहरी रुचि है, जैसे उनके पिता को है.

नाडर इस सूची में लगातार तीसरे वर्ष शीर्ष पर रहे
1- शिव नाडर: परोपकारी कार्यों के लिए दान देने के मामले एचसीएल टेक्नोलाजीज के संस्थापक शिव नाडर पहले स्थान पर रहे है। पिछले वर्ष नाडर ने 2,153 करोड़ रुपये की राशि दी है और इसमें 2022-23 के मुकाबले पांच प्रतिशत की वृद्धि रही है। नाडर इस सूची में लगातार तीसरे वर्ष शीर्ष पर रहे हैं।
2- मुकेश अंबानी: देश के दूसरे सबसे अमीर कारोबारी मुकेश अंबानी ने पिछले वर्ष 407 करोड़ रुपये परोपकारी कार्यों के लिए दिए हैं और ताजा सूची में वे दूसरे स्थान पर रहे हैं। बीते वर्ष अंबानी की रैंक में एक अंक का सुधार हुआ है।
3- बजाज परिवार: आटो और वित्तीय क्षेत्र का कारोबार करने वाले बजाज परिवार ने पिछले वर्ष 352 करोड़ रुपये का दान दिया है और इस सूची में तीसरे स्थान पर रहा है। 2022-23 के मुकाबले पिछले वर्ष बजाज परिवार ने 33 प्रतिशत ज्यादा राशि दी है।
4- कुमारमंगलम बिड़ला और परिवार: परोपकारी कार्यों के लिए 334 करोड़ रुपये की राशि देने वाले कुमारमंगलम बिड़ला और उनका परिवार इस बार सूची में चौथे स्थान पर रहा है। बीते वर्ष कुमारमंगलम बिड़ला और उनके परिवार ने 17 प्रतिशत ज्यादा राशि दी है।5- गौतम अदाणी: देश के सबसे अमीर कारोबारी गौतम अदाणी ने पिछले वर्ष 330 करोड़ रुपये की राशि परोपकारी कार्यों के लिए दी है। वे इस सूची में पांचवें स्थान पर बरकरार रहे हैं।

अन्य खास बातें

  • 154 करोड़ रुपये के साथ रोहिणी नीलेकणी परोपकारी कार्यों के लिए पैसे देने में महिलाओं में शीर्ष पर रही हैं। रोहिणी एक लेखिका हैं और इन्फोसिस के संस्थापक नंदन नीलेकणी की पत्नी हैं।
  • 43 करोड़ रुपये रह गई है 203 दानदाताओं की औसत दान राशि पिछले वित्त वर्ष के दौरान। 2022-23 के दौरान 119 दानदाताओं ने औसतन 71 करोड़ रुपये दिए थे।
  • 900 करोड़ रुपये के साथ रिलायंस इंडस्ट्रीज परोपकारी कार्यों के लिए पैसा देने के मामले में शीर्ष कंपनी रही है। कंपनी ने 840 करोड़ रुपये की राशि कारपोरेट सामाजिक दायित्वों (सीएसआर) पर खर्च करने की बात कही थी।
  • 3,680 करोड़ रुपये की सबसे ज्यादा दान राशि शिक्षा क्षेत्र को मिली है पिछले वित्त वर्ष के दौरान। 626 करोड़ रुपये के साथ हेल्थकेयर दूसरे और 331 करोड़ रुपये के साथ ग्रामीण परिवर्तन तीसरे स्थान पर रहा है। कंटेट इंटरनेट

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