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अनुठी पूजा: अहमदाबाद के लंबासी गांव में ‘चुड़ैल मां’ को खुश करने के लिए भक्त पेड़ पर चढ़ाते है साड़ी

करीब एक किलोमीटर तक सड़क के दोनों किनारे पेड़ों पर रंग-बिरंगी साड़ियां लिपटी

पंकज दुबे, अहमदाबाद यदि कभी आप अहमदाबाद जा रहे है, और अनोखे रिवाज (पूजा पाठ) की परंपरा को मानते है तो मुख्य शहर से 50 किलोमीटर अहमदाबाद-खंभात हाईवे के किनारे बसे लंबासी गांव में जरूर जाए। जहां पर ‘चुड़ैल मां’ की पूजा एक अनोखे रिवाज से की जाती है। यहां भक्त मंदिर में चुड़ैल मां को खुश करने के लिए चुनरी और पेड़ पर साड़ी चढ़ाते हैं। जोकि यहां से गुजरने वालों के लिए यह नजारा काफी अद्भुत होता है। करीब एक किलोमीटर तक सड़क के दोनों किनारे पेड़ों पर रंग-बिरंगी साड़ियां लिपटी दिखती हैं। स्थानीय लोगों की माने तो यहां लगभग 10 हजार से भी ज्यादा साड़ियां बंधी हुई हैं। जोकि भक्त मां को खुश रखने और मन्नत पूरी होने पर चढ़ाते है। जिसे अचानक देखने पर मन में कई प्रश्न उठने लगते है। इस मंदिर की महत्ता पिछले 5-6 साल में ज्यादा बढ़ी है। यह मंदिर आस-पास के गांवों में भी मशहूर हो चुका है।

‘चुड़ैल मां’

गांव में रहती है भक्तों की भारी भीड़
इस गांव में दूसरी जगहों से भी काफी संख्या में लोग इस पूजा में शामिल होने आते हैं। हर हफ्ते मंगलवार और रविवार को इस गांव में भक्तों की भारी भीड़ रहती है। लिंबासी गांव के रहवासियों की माने तो इस मंदिर में लोग खासतौर पर शादी और बच्चे की मन्नत मांगने आते हैं। उन्होंने चुड़ैल मां के दर पर शीश नवाया और कुछ महीनों के अंदर ही उनकी पत्नी गर्भवती हो गई। इस तरह से मां के आशीवार्द से कई माता-पिता को शादी के बाद संतान सुख मिला।
सड़को पर आए दिन होता था हादसा
पेड़ों से लटकतीं रंगबिरंगी साड़ियां इस जगह की पाप्युलैरिटी की गवाही देती हैं। यहां से गुजरने वाले लोग यह नजारा देखकर एक बार को ठहर जाते हैं और इस रंगबिरंगे बैकग्राउंड के साथ तस्वीर भी खिंचाते हैं। गांव वालों की माने तो एक समय था यहां की सड़को पर आए दिन हादसा होता रहता था। अब आलम ऐसा था की लोग यहां से गुजरने में भी घबराया करतें थे। फिर कुछ लोगों ने कहा की यहां किसी प्रेत आत्मा के कारण यह सब हादसा होता है।
चुड़ैल माता के मंदिर का निर्माण किया
साल 2010 में गांव के लोगों ने हादसे वाली जगह पर चुड़ैल माता के मंदिर का निर्माण किया। यहां और पुरे विधिपूर्वक पूजा-पाठ शुरू कर दी। उसके बाद मानो चमत्कार हो गया और यहां पर होने वाले सड़क हादसे थम गए। उस दिन से लेकर अब तक इस मंदिर में चुड़ैल माता को साड़ियां और श्रृंगार अर्पित करते हैं। यहां पर ऐसी मान्यता है की चढ़ावे से चुड़ैल माता खुश हो जाती हैं और उसके बाद गांव के लोगो की रक्षा भी करती हैं।

1 Comment

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