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जौनपुर में एक ऐसा गांव, जहां के मुस्लिम अब नाम के आगे लिखने लगे हैं दुबे और शुक्ला

  • जौनपुर के डेहरी गांव में लाल बहादुर दुबे मार्ग के नाम का बोर्ड चर्चा में
  • ग्राम प्रधान रुबाना अंजुम बोलीं-सड़क निर्माण के लिए मुख्यमंत्री को भेजेंगे प्रस्ताव

जौनपुर : उत्तर प्रदेश में जौनपुर जिले का डेहरी गांव इन दिनों फिर सुर्खियों में है, क्योंकि बीते दिनों गांव के कई मुस्लिमों ने अपने गोत्र की पहचान करते हुए नाम के आगे दुबे, शुक्ला, तिवारी आदि जोड़ा तो लोगों का ध्यान गांव की ओर गया था। अब एक बार फिर गांव के मुख्य मार्ग पर लगे एक साइन बोर्ड ने इसे चर्चाओं में ला दिया है। यूपी के जौनपुर जिले के डेहरी गांव में 60 साल के नौशाद अहमद रहते हैं. लेकिन गांव वाले नौशाद मियां को ‘दुबे जी’ कह के बुलाते हैं. सिर्फ नौशाद ही नहीं …गांव के अशरफ और शिराज भी अपने नाम के आगे ‘दुबे’ और ‘शुक्ला’ लगाते हैं. नौशाद बड़े चाव से बताते हैं कि वो ‘मुस्लिम ब्राह्मण’ हैं. वो तिलक भी लगाते हैं।

साइन बोर्ड इंटरनेट मीडिया प्रसारित हो रहा
गांव की मुख्य सड़क पर लगाए गए साइन बोर्ड पर लिखा है-लाल बहादुर दुबे मार्ग, डेहरी। यह बोर्ड ग्राम प्रधान रुबाना अंजुम की पहल पर लगाया गया है। इसमें विशाल भारत संस्थान के जिला चेयरमैन नौशाद अहमद दुबे का नाम भी अंकित है। यह साइन बोर्ड इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रहा है।
जमींदार बने और मतांतरण कर लिया
दरअसल, नौशाद अहमद दुबे के अनुसार सात-आठ पीढ़ी पूर्व उनके पूर्वज लाल बहादुर दुबे आजमगढ़ से यहां आए थे। उन्होंने यहां सूरतपुर के एक क्षत्रिय परिवार से जमीन खरीदी, जमींदार बने और मतांतरण कर लिया। उनकी याद में मार्ग का नाम लाल बहादुर दुबे रखने का निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री को प्रस्ताव भेजा जाएगा
ग्राम प्रधान का कहना है कि यह मार्ग डेहरी और झमका गांव को जोड़ता है। जल्द ही मार्ग के विस्तार व नाम की आधिकारिक मान्यता के लिए मुख्यमंत्री को प्रस्ताव भेजा जाएगा। स्वीकृति मिलते ही सड़क का निर्माण करेंगे। इससे न केवल सड़क की स्थिति सुधरेगी, गांव को नई पहचान मिलेगी। ग्रामीणों का कहना है कि यह साइन बोर्ड डेहरी गांव के विकास की नई पहचान बनेगा।

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