कुटुंब की शक्ति विषय पर राजधानी में व्याख्यान का आयोजन
रायपुर । जब हर परिवार सशक्त होगा, तब भारत राष्ट्र भी शक्तिशाली देश के रूप में जाना जाएगा, उपरोक्त बाते राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह संघकार्यवाहक श्री रामदत्त चक्रधर ने रायपुर के गुरुघासी दास संग्रहालय में आयोजित कुटुंब की शक्ति कार्यक्रम में कही है।
भारत में बच्चों को बनाया जाता हैं चरित्रवान: मुख्यवक्ता श्री रामदत्त ने ”भारतीय परिवार व्यवस्था की शक्ति विषय पर विचार प्रकट करते हुए कहा कि भारत में उत्कृष्ट जीवन मूल्य विकसित हुए, जो परिवार में देखने को मिलता है। पश्चिमी देशों में हथियार लेकर बच्चे स्कूल जाते है। गोलीबारी में प्रतिवर्ष 40 हजार बच्चे मारे जाते हैं। अमेरिका में पिताहीन बच्चों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जबकि भारत में परिवारों में बच्चों को चरित्रवान बनाया जाता है।
बच्चों में राष्ट्र प्रथम के भाव को विकसित करने जरूरत: श्री रामदत्त ने कहा कि बच्चों में राष्ट्र प्रथम के भाव भी परिवार में विकसित होता है। इस भाव को जगाने की आवश्यकता है, इसमें माता की भूमिका महत्वपूर्ण है। भारत में माता के परिचय बच्चों से होता है, वे ही बच्चों में संस्कार देती हैं। माता बच्चों के विचारों को दिशा देती है। जैसे स्वामी विवेकानन्द ने अपने बचपन में कहा वह तांगा चलाने वाला बनना चाहते हैं, तब उनकी माता ने उन्हें उलाहना देने के बजाय कुरूक्षेत्र की फोटो दिखाकर कहा अगर तांगा चलाने वाला बनना है तो अर्जुन के रथ चलाने वाले कृष्ण की तरह तांगा चलाने वाला बनना होगा। उन्होंने स्वामी विवेकानंद के विचारों को दिशा दी।
आयोजन में कुटुंब की शक्ति पत्रिका का विमोचन
इस कार्यक्रम में भगवती साहित्य संस्थान रायपुर द्वारा वरिष्ठ पत्रकार शशांक शर्मा के संपादन में प्रकाशित पत्रिका कुटुंब की शक्ति का भी विमोचन किया गया। यह पत्रिका श्री सुदर्शन प्रेरणा मंच द्वारा आयोजित व्याख्यान माला के अंतर्गत बिलासपुर, रायपुर और धमतरी में 2024 में आयोजित हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह संघकार्यवाहक श्री रामदत्त जी के उद्बोधन पर आधारित है।
कुटुंब की शक्ति कार्यक्रम का आयोजन भगवती साहित्य संस्थान के युगबोध अग्रवाल द्वारा किया गया। इस दौरान डॉ पूर्णेदु सक्सेना अध्यक्ष (माननीय क्षेत्र संघचालक, मध्य क्षेत्र राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) श्री बरुण सखाजी श्रीवास्तव मुख्य अतिथि श्री ओमप्रकाश सिंघानिया (अध्यक्ष, भगवती साहित्य संस्थान) उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन छत्तीसगढ़ बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष वर्णिका शर्मा ने किया।