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बलिया की बेटी ने सिपाही पिता का देशभर में बढ़ाया सम्मान, भावुक होकर पिता बोले बिटिया आज मेरा सिर तुमने गर्व से कर दिया ऊंचा

प्रयागराज में रहकर शक्ति दुबे ने की पढ़ाई, सिविल सेवा परीक्षा 2024 में पहला स्थान किया हासिल

ब्राह्मण समाज ने बेटी शक्ति का प्रयागराज और बलिया में किया सम्मान

माँ बोली- बेटी के परिश्रम पर पूरा था भरोसा, बाकी सब भोले बाबा की है कृपा

प्रयागराज व्यवसाय खबर ने पिता देवेंद से की बात हर रोज की तरह पिता देवेंद्र दुबे और मां प्रेमा मंगलवार को अपने रोजमर्रा के कार्य कर रहे थे. तभी घर की दूसरी बेटी शक्ति दुबे पिता को फोन कर कहती है पापा जी प्रणाम…यूपीएससी 2024 का परिणाम आ गया है और मैंने देशभर में प्रथम स्थान हासिल करते हुए टॉप किया है ..यह शब्द सुनते ही पिता देवेंद्र की आंख में खुशी के आंसू छलक उठे और बोले बिटियां तुमने आज मेरा सिर गर्व से ऊंचा कर दिया। प्रयागराज में रह रहे पिता देवेंद्र और गृहणी मां प्रेमा के लिए वाकई यह क्षण खुशियों का है। जब उनकी बेटी शक्ति ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के सिविल सेवा परीक्षा 2024 के परिणाम में प्रथम स्थान प्राप्त किया। उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में एक कांस्टेबल के पद पर नियुक्त हुए देवेंद्र दुबे मौजूदा समय प्रयागराज डीसीपी ट्रैफिक के पेशकार के पद पर तैनात हैं। जोकि मूलतः जिला बलिया, तहसील बैरिया, रामपुर (बाजीपुर) गांव के रहने वाले है। यूपीएससी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि शक्ति ने राजनीति विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय संबंध को वैकल्पिक विषय के रूप में रखते हुए परीक्षा पास की है।

हमने कभी बेटा या बेटी में फर्क नहीं समझा:
व्यवसाय खबर से फ़ोन पर बात करते हुए शक्ति के पिता देवेंद्र ने कहा कि बेटी शक्ति को सिर्फ पढ़ाई से लगाव था सोशल मीडिया से वह दूर रहती थी. उन्होंने कहा कि इस पूरी सफलता का श्रेय बिटिया को ही जाता है. हमने तो अपना बाप का फर्ज निभाया। शक्ति रोजाना 15 से 18 घंटे पढ़ाई करती थी । वही माँ प्रेमा ने कहा कि हमने और उनके पिताजी ने कभी बेटा या बेटी में कोई फर्क नहीं समझा। घर का काम करने के साथ वह पढ़ाई भी करती थी. जिससे मुझे पूरा भरोसा था कि वह जरूर सफल होगी।

(BHU) से बायोकेमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन किया

शक्ति दुबे का जन्म उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में हुआ. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा और ग्रेजुएशन की पढ़ाई प्रयागराज में ही पूरी की. ग्रेजुएशन के लिए उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी को चुना और फिर उच्च शिक्षा के लिए वह काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) चली गईं. BHU से उन्होंने बायोकैमिस्ट्री (जैव रसायन) में पोस्ट-ग्रेजुएशन 2016 में पूरा किया. इसके बाद वह सिविल सेवा की तैयारी में जुट गईं।

यह सिर्फ एक करियर विकल्प नहीं

पोस्ट-ग्रेजुएशन के बाद शक्ति दुबे ने तय किया कि वह सिविल सेवा परीक्षा (UPSC) की तैयारी करेंगी. 2018 से ही वह देश की सबसे कठिन परीक्षा की तैयारी में जुटी गई थीं. एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि यह सिर्फ एक करियर विकल्प नहीं बल्कि देश की सेवा करने का जरिया भी है। इसके साथ मैने कभी समय देखकर पढ़ाई नहीं करती थी, बस एक लक्ष्य और खुद पर भरोसा था की जो होगा बेहतर होगा।

UPSC की टॉप 5 में 3 महिलाएंदिल्ली के एक आईएएस वाजिराम अकादमी से तैयारी कर रही शक्ति से इंटरव्यू के दौरान जब शक्ति से पूछा गया कि जैसे अयोध्या को राम के लिए और काशी को शिव के लिए देखा जाता है वैसे ही प्रयागराज को किस पहचान से देखा जाना चाहिए, इस पर उन्होंने बड़े गर्व के साथ कहा कि प्रयागराज की पहचान त्रिवेणी संगम से है, जहां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती मिलती हैं. यह धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से एक अत्यंत पवित्र स्थल है.

सिविल सेवा (प्री) परीक्षा, 2024, पिछले साल 16 जून को आयोजित की गई थी. इस परीक्षा में कुल 9,92,599 प्रत्याशियों ने आवेदन किया था, जिनमें से 5,83,213 प्रत्याशी परीक्षा में शामिल हुए. इसमें से कुल 14,627 प्रत्याशी लिखित (मेन) परीक्षा के लिए पास हुए. मुख्य परीक्षा सितंबर 2024 में कराई गई. इसमें से 2,845 प्रत्याशियों को व्यक्तित्व परीक्षण या इंटरव्यू के लिए बुलाया गया.

इनमें से 1,009 उम्मीदवारों (725 पुरुष और 284 महिलाएं) को अलग-अलग सेवाओं में नियुक्ति के लिए यूपीएससी की ओर से अनुशंसित किया गया है. इसमें से टॉप 5 में 3 महिलाएं और 2 पुरुष शामिल हैं.

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