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जब 73 वर्षीय मरीज को निजी अस्पताल से मिली हार तो अंबेडकर ने दुर्लभ सर्जरी कर दी नई जिंदगी

देशभर के कार्डियोलॉजिस्ट बने गवाह

-लेजर से टूटा चट्टान बना कैल्शियम
-अस्पताल में हुई हाई-रिस्क लेजर एंजियोप्लास्टी

रायपुर। शहर के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल अंबेडकर के एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट (एसीआई ) ने एक बार फिर चिकित्सा क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। यहां 73 वर्षीय मरीज की अत्यंत जटिल एंजियोप्लास्टी एक्साइमर लेजर तकनीक से सफलतापूर्वक की गई, जिसका देशभर में पहली बार लाइव प्रसारण किया गया।
निजी अस्पताल में ले जाया गया था
इस हाई-रिस्क केस में मरीज की राइट कोरोनरी आर्टरी में अत्यधिक कैल्शियम जमा था, जिससे पारंपरिक एंजियोप्लास्टी असफल रही थी। मरीज को पहले एक निजी अस्पताल में उपचार के लिए ले जाया गया था, जहां पर जोखिम बताकर वायर तक क्रॉस नहीं हो सका था। मरीज की आर्टरी की बनावट भी असामान्य रूप से ऊंचाई पर स्थित थी, जिससे प्रक्रिया और जटिल हो गई थी।
नसों के अंदर का अल्ट्रासाउंड किया गया
इसके बाद मरीज को अंबेडकर के एसीआई लाया गया, जहां डॉ. स्मित श्रीवास्तव के नेतृत्व में लेजर कट एंजियोप्लास्टी की योजना बनाई गई। टीम ने दाहिनी कलाई की धमनी से कैथेटर डालकर दिल की नसों तक पहुंच बनाई। लेजर तकनीक से जमे हुए कैल्शियम को धीरे-धीरे तोड़ा गया और फिर आईवीयूएस के जरिये नसों के अंदर का अल्ट्रासाउंड किया गया।
कैल्शियम को लेजर से काटा गया
इसके आधार पर विशेष कटिंग बैलून की सहायता से कैल्शियम को काटा गया, जैसे मशीन चट्टानों को काटती है। बाद में दो स्टेंट लगाए गए और प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूर्ण किया गया। इस जटिल प्रक्रिया का लाइव डेमोंस्ट्रेशन जबलपुर सहित देशभर के प्रमुख कार्डियोलॉजिस्ट्स ने देखा और विशेषज्ञों से सीधा संवाद कर शंकाओं का समाधान प्राप्त किया। इस सफलता में डॉ. कुणाल ओस्तवाल, डॉ. एसके शर्मा, डॉ. प्रतीक गुप्ता, नर्सिंग स्टाफ नीलिमा, वंदना, निर्मला, पूर्णिमा, टेक्नीशियन जितेंद्र, बद्री, प्रेम व मेडिकल सोशल वर्कर खोगेंद्र साहू की विशेष भूमिका रही।

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