-आरोग्य मैत्री का कमाल: 200 मरीजों की एक साथ एक्सरे से लेकर सर्जरी तक की सुविधा
रायपुर। नक्सली प्रभावित क्षेत्रों, आपदाग्रस्त इलाकों और दुर्गम पहाड़ियों में भी अब अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान (एम्स रायपुर) aiims raipur स्वास्थ्य सेवाएं महज कुछ मिनटों में ही उपलब्ध कर सकेंगी। आरोग्य मैत्री योजना के तहत तैयार किया गया दुनिया का पहला पोर्टेबल हॉस्पिटल Portable Hospitalएम्स में पहुंच चुका है। वहीं इस चलते-फिरते अस्पताल का सोमवार को राज्य स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने उद्घाटन किया। इस दौरान एम्स रायपुर के निदेशक लेफ्टिनेट जनरल डा अशोक जिंदल सहित अन्य मौजूद रहे।

बड़े हादसे में बड़ा कारगर होगा
मंत्री जायसवाल ने कहा कि इस सुविधा से ही आमजन और स्वास्थ्यकर्मियों को भी जागरूकता करने के साथ दूरस्त क्षेत्रों में बेहतर उपचार की सुविधा पहुंचेगी। इसमें बुलेट इंजरी, स्पाइनल इंजरी, चेस्ट व लिंब फ्रैक्चर, स्नेक बाइट, बर्न इंजरी जैसे आपातकालीन इलाज की सुविधा मौजूद है। जो किसी भी प्राकृतिक आपदा, नक्सली हमला या बड़े हादसे में बड़ा कारगर होगा।
ये खासियत जो बनाती है इस अस्पताल को खास
यह विशेष अस्पताल आरोग्य मैत्री प्रोजेक्ट के बीएचआईएसएम के तहत तैयार किया गया है। इसका वजन लगभग 800 किलोग्राम है, इसमें दो पैलेट स्टैंड होते हैं। हर पैलेट में 72 क्यूब शामिल होते हैं और हर क्यूब का वजन करीब 20 किलोग्राम होता है। ये क्यूब आग, पानी सहित हर स्थिति में दुर्गम इलाकों में आसानी से पहुंचाया जा सकता है।

इन सुविधाओं से है लैस
- रेस्क्यू क्यूब:स्ट्रेचर, फोल्डिंग बेड, प्राथमिक चिकित्सा किट
- सर्जरी क्यूब:ओटी के उपकरण, एनेस्थीसिया से जुड़ी सामग्री
- लैब क्यूब: 20 तरह की जांचें, जिसमें ब्लड टेस्ट, यूरिन एनालिसिस, एक्सरे आदि शामिल
- एक्स-रे मशीन: जो कुछ ही सेकंड में डिजिटल रिपोर्ट तैयार कर देती है
- स्कैनर और टैबलेट: बीएचआईएसएम ऐप से जुड़ा सिस्टम, जिससे क्यूब के बारे में पूरी जानकारी
- ऊर्जा स्रोत: सोलर पैनल और जेनरेटर की सुविधा भी है, ताकि बिजली न होने पर भी इलाज प्रभावित न हो