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जयस्तंभ चौक में गूंजा विदेशी कंपनियां भारत छोड़ो का शंखनाद

स्वदेशी जागरण मंच ने चलाया स्वदेशी सुरक्षा एवं स्वावलम्बन अभियान

रायपुर। जयस्तंभ चौक में स्वदेशी जागरण मंच की ओर से स्वदेशी सुरक्षा एवं स्वावलम्बन अभियान के अंतर्गत एक भव्य कार्यक्रम विदेशी कंपनियां भारत छोड़ो – शंखनाद का आयोजन किया गया। इस अभियान का उद्देश्य आम जनता को स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग के प्रति जागरूक करना और विदेशी कंपनियों पर निर्भरता कम करना रहा। कार्यक्रम में उपस्थित महिला-पुरुषों ने रैली के रूप में शारदा चौक तक मार्च किया और स्वदेशी अपनाओ – देश बचाओ जैसे नारों के साथ पुन: जयस्तंभ चौक लौटकर विदेशी कंपनियों के पुतले का दहन किया।

आत्मनिर्भरता की भावना को किया गया जागृत
कार्यक्रम की शुरुआत मंच के प्रांत संयोजक जगदीश पटेल द्वारा प्रस्तावना से हुई, जिसमें उन्होंने स्वदेशी आंदोलन की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और वर्तमान में इसकी आवश्यकता पर प्रकाश डाला। तत्पश्चात कबीरपंथ के संत श्री देवकर साहेब ने भारतीय संस्कृति में स्वदेशी के महत्व को रेखांकित करते हुए आत्मनिर्भरता की भावना को जागृत करने का आह्वान किया।
स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग बढ़ाएं
छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के कार्यकारी अध्यक्ष श्री जसप्रीत सिंह सलूजा ने व्यापारियों से अपील की कि हर दुकान में स्वदेशी वस्तुओं के लिए एक अलग कोना अवश्य होना चाहिए। वहीं ष्ट्रढ्ढञ्ज के नेशनल वाइस चेयरमैन अमर परवानी ने अपने वक्तव्य में कहा कि यदि हम अपने दैनिक जीवन में स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग बढ़ाएं, तो देश की अर्थव्यवस्था को अभूतपूर्व बल मिलेगा।


झाड़ू लगाकर विरोध जताया गया
इस अवसर पर उपस्थित देशभक्त नागरिकों ने स्वदेशी वस्तुओं के क्रय, विक्रय एवं उपयोग का संकल्प लिया। कार्यक्रम के दौरान प्रतीकात्मक रूप से विदेशी कंपनियों के उत्पाद — जैसे पेप्सी कोला — को सार्वजनिक स्थल पर बहाया गया और उन पर झाड़ू लगाकर विरोध जताया गया।
बड़ी संख्या में महिलाओं की भागीदारी रही

कार्यकर्ताओं द्वारा स्वदेशी और विदेशी वस्तुओं की सूची भी जनमानस में वितरित की गई, ताकि आम जनता वस्तुओं की पहचान कर सके और अपने चुनाव में बदलाव ला सके। इस आंदोलन में छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज और कैट के वरिष्ठ पदाधिकारी, विभिन्न आर्थिक संगठनों के प्रमुख, व्यापारी वर्ग और बड़ी संख्या में महिलाओं की भागीदारी रही, जो इस अभियान को जनांदोलन का रूप देने की ओर संकेत करता है।

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