स्वदेशी की भावना, परंपरा का सम्मान और ऐतिहासिक कारोबार के साथ भारत मना रहा है सबसे बड़ी दिवाली
रायपुर | “इस दिवाली घर ही नहीं, देश के करोड़ों व्यापारियों की जिंदगी भी रोशन होगी।” यह बात कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड (भारत सरकार) के सदस्य श्री अमर पारवानी ने आत्मविश्वास के साथ कही। 12500 से 14000 करोड़ का अनुमानित कारोबार सिर्फ छत्तीसगढ़ में, और पूरे देश में ₹4.75 लाख करोड़ से अधिक की रिकॉर्ड तोड़ बिक्री होगा! कैट के अनुसार यह दशक का सबसे शानदार त्योहारी सीजन होगा, और इससे देश की घरेलू अर्थव्यवस्था को नई उड़ान मिलेगी।
“वोकल फॉर लोकल” बना दिवाली का मंत्र
श्री पारवानी ने बताया कि इस साल बाजारों में स्वदेशी उत्पादों की ज़बरदस्त मांग है।
“लोग अब विदेशी ब्रांड नहीं, भारत में बना हुआ माल खरीदना चाहते हैं। यही बदलाव आत्मनिर्भर भारत की असली ताकत है।” ट्रेडिशनल मार्केट से लेकर मॉल्स तक, दुकानों में भीड़, दुकानदारों के चेहरे पर मुस्कान और ग्राहकों में विश्वास — यही है इस दिवाली की असली तस्वीर। “चाहे ₹500 की खरीदारी हो या ₹5 लाख की – हर खरीद एक भारतीय व्यापारी को सशक्त कर रही है।”
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कहाँ खर्च हो रहा है पैसा? (अनुमानित खर्च वितरण)
क्षेत्र
प्रतिशत (%)
खाद्य सामग्री और किराना
13%
फल, ड्राई फ्रूट, मिठाई, नमकीन
7%
वस्त्र, परिधान
12%
इलेक्ट्रिकल व इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स
12%
होम डेकोर, फर्नीचर, बर्तन, पूजा सामग्री
13%
कॉस्मेटिक्स व पर्सनल केयर
6%
गिफ्ट आइटम्स
8%
विविध सेवाएं (ट्रैवल, टैक्सी, इवेंट्स आदि)
24%
कुल अनुमानित कारोबार
₹4.75 लाख करोड़
कैट का आह्वान: स्वदेशी को अपनाएं, भरोसे के साथ व्यापार करें
श्री पारवानी ने व्यापारियों से आग्रह किया:
“ग्राहकों को प्रामाणिकता, गुणवत्ता और सही मूल्य दें। स्वदेशी वस्तुओं को बढ़ावा दें। यही व्यापार की असली सेवा है।”
✨ इस दिवाली, हर खर्च… एक निवेश है भारत में!
“हर रुपया जो आप इस दिवाली खर्च करेंगे, वह किसी भारतीय निर्माता, कला शिल्पकार, व्यापारी, या सेवा प्रदाता को मजबूती देगा।” – श्री अमर पारवानी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, कैट
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