मंत्री ने नवाचारों की सराहना की और भविष्य की योजनाओं पर सुझाव मांगे
आजादी का अमृत महोत्सव के तहत राष्ट्रीय एफपीओ समागम 2025 का शुभारंभ
नई दिल्ली । केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नई दिल्ली स्थित एनसीडीसी एवं एनसीयूआई परिसर, हौज़ खास में “राष्ट्रीय एफपीओ समागम 2025” का शुभारंभ किया। यह आयोजन आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत आयोजित किया गया, जिसमें 24 राज्यों और 140 जिलों के 500 से अधिक प्रगतिशील किसान, एफपीओ (Farmer Producer Organizations), सीबीबीओ (CBBO) और विभिन्न कार्यान्वयन एजेंसियों (IA) ने सहभागिता की। कृषि सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी और कृषि मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव मनिंदर कौर द्विवेदी भी मंच पर उपस्थित रहीं और अपने विचार साझा किए।

एफपीओ को इस दिशा में अग्रणी भूमिका निभानी होगी
श्री चौहान ने एफपीओ के माध्यम से किसानों को उत्पादक के साथ-साथ व्यापारी और उद्यमी बनने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि खेती केवल जीविका नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता और समृद्धि का माध्यम बने — इसके लिए एफपीओ एक सशक्त मॉडल है। “किसान अब केवल उत्पादक न रहें, वे अपनी फसलों के प्रोसेसिंग और वैल्यू एडिशन के माध्यम से उद्यमी बनें। एफपीओ को इस दिशा में अग्रणी भूमिका निभानी होगी ।
किसानों को उनकी मेहनत का सही मूल्य मिलना जरूरी

मंत्री ने कहा कि किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाना उनकी पहली प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि कई बार किसान को उसकी मेहनत की कीमत नहीं मिलती, जबकि उपभोक्ता को वही उत्पाद महंगा खरीदना पड़ता है — इस अंतर को कम करना सरकार की जिम्मेदारी है।
उत्कृष्ट एफपीओ और एजेंसियों को किया सम्मानित
श्री चौहान ने कार्यक्रम के दौरान उत्कृष्ट किसान उत्पादक संगठनों, सीबीबीओ और कार्यान्वयन एजेंसियों को किसान संगठन, व्यवसाय और डिजिटल उत्कृष्टता के लिए सम्मानित किया। उन्होंने प्रदर्शनी में लगाए गए 57 स्टॉल्स का अवलोकन किया, जहां 267 एफपीओ ने अनाज, दालें, तिलहन, फल, सब्जियां, जैविक और प्रसंस्कृत उत्पाद प्रदर्शित किए थे।
मंत्री ने किसानों से सीधे संवाद किया, उनके नवाचारों की सराहना की और भविष्य की योजनाओं पर सुझाव मांगे। उन्होंने कहा कि सरकार हर अच्छे सुझाव पर ठोस कार्रवाई करेगी।
तकनीकी सत्र और पैनल चर्चाएं
इस वृहद आयोजन के दौरान कई विषयों पर तकनीकी सत्र और पैनल चर्चाएं आयोजित की गईं — जिनमें तिलहन उत्पादन, जल उपयोग दक्षता, प्राकृतिक खेती, कृषि अवसंरचना कोष, शहद उत्पादन, डिजिटल मार्केटिंग, एगमार्क प्रमाणन और बीज उत्पादन जैसे विषय शामिल थे।

किसानों को बाजार और तकनीक से जोड़ने पर बल
श्री चौहान ने कहा कि एफपीओ के माध्यम से किसानों को तकनीक, बाजार और नवाचार से जोड़ा जाएगा। उन्होंने वर्षभर में एफपीओ के टर्नओवर में वृद्धि और अधिक किसानों को जोड़ने का आह्वान किया, ताकि गांव-गांव में आत्मनिर्भरता और स्वदेशी अर्थव्यवस्था को बल मिले।






