सवाल अब सुरक्षा एजेंसियों और क्रिकेट संघ की कार्यप्रणाली पर सीधे उठ रहा
रायपुर। भारत–दक्षिण अफ्रीका वनडे मैच के दौरान टीम इंडिया की सुरक्षा में गंभीर चूक सामने आई है। मैदान पर खिलाड़ियों के बेहद करीब जिस व्यक्ति को घूमते देखा गया, वह आपराधिक मामलों से घिरा वसीम बाबू है। वीडियो वायरल होने के बाद छत्तीसगढ़ क्रिकेट संघ की चयन व्यवस्था और सुरक्षा प्रोटोकॉल पर तीखे सवाल उठ रहे हैं।
स्टेडियम में कड़ी सुरक्षा के दावों के बीच यह खुलासा चौंकाने वाला है कि लाखों दर्शकों से घिरे मैच में एक ऐसा व्यक्ति खिलाड़ियों के बीच कैसे पहुंच गया, जिसके खिलाफ छह से अधिक आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। यही वसीम बाबू छह महीने पहले रायपुर के अंबेडकर अस्पताल में पत्रकारों से मारपीट के मामले में सुर्खियों में था। उस घटना के बाद उसके बाउंसरों को पुलिस ने गिरफ्तार कर सार्वजनिक रूप से जुलूस भी निकाला था।
वायरल वीडियो में वह टीम इंडिया के खिलाड़ियों के बिल्कुल पास देखा जा रहा है, मानो वह आधिकारिक सुरक्षा टीम का हिस्सा हो। ऐसे संवेदनशील दायित्व में उसे तैनाती किसने दी—यह सवाल अब सुरक्षा एजेंसियों और क्रिकेट संघ की कार्यप्रणाली पर सीधे उठ रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि बीसीसीआई के सुरक्षा मानकों के अनुसार खिलाड़ियों के करीब तैनात किसी भी व्यक्ति का रिकॉर्ड पूरी तरह साफ होना आवश्यक है। ऐसे में छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ ने वेरिफिकेशन में लापरवाही की या जानबूझकर अनदेखा किया—यह जांच का विषय बन चुका है।
मामला सामने आते ही प्रशासन भी सतर्क हो गया है और यह पता लगाया जा रहा है कि सुरक्षा मंजूरी किस स्तर पर दी गई थी। घटना ने न सिर्फ क्रिकेट संघ की छवि को नुकसान पहुंचाया है बल्कि यह भी उजागर किया है कि सुरक्षा व्यवस्थाओं में अभी भी बड़ी खामियां मौजूद हैं।






