नवाचार: शहर में हाईटेक पंचकर्म सेंटर का चलन, युवाओं में बढ़ रही प्राकृतिक चिकित्सा की रुचि

रायपुर। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के इस दौर में अब पारंपरिक आयुर्वेद चिकित्सा में तेजी से सुधार देखा जा रहा है। जिससे अस्पताल के ओपीडी में उपचार कराने पहुंच रहे मरीजों के रोग की जांच-पहचान पल भर में ही पता चल जा रही है। यानी वक्त को देखते हुए अब आयुर्वेद उपचार हाईटेक के दौर में प्रवेश कर चुका है।
मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में नई क्रांति
डाक्टर डॉ. रंजीप कुमार दास विभागाध्यक्ष, पंचकर्म विभाग, आयुर्वेद कालेज, बिलासपुर की माने तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, वर्चुअल रियलिटी, और अत्याधुनिक डिजिटल तकनीकों के साथ अब आयुर्वेद न केवल रोगों की सटीक पहचान कर पा रहा है, बल्कि इलाज, परीक्षण और मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में भी एक नई क्रांति ला रहा है।
इलाज की विधियों को गहराई से समझने में मिल रही मदद
राजधानी के सरकारी आयुर्वेद कॉलेज सहित कई निजी संस्थानों और अस्पतालों में अब डिजिटल सिमुलेशन लैब, एआई-सक्षम डायग्नोस्टिक उपकरण, और थ्री-डी मेडिकल लर्निंग टूल्स के प्रयोग से मरीजों को बेहतर इलाज मिल रहा है। वहीं आयुर्वेद के विद्यार्थियों को शरीर की बनावट, रोगों की पहचान और इलाज की विधियों को गहराई से समझने में मदद मिल रही है।
तकनीक के जरिए हो रहा आयुर्वेद का आधुनिकीकरण:
- सिमुलेशन लैब: छात्रों को एआई के माध्यम से हूबहू मानव शरीर जैसी डमी पर नाड़ी परीक्षण, पंचकर्म, व विभिन्न रोगों के निदान की ट्रेनिंग दी जाती है। शिक्षा, शोध और प्रयोग में सटीकता आती है।
- बॉडी पैथोइस्मोग्राफ: यह उपकरण वात, पित्त और कफ जैसे दोषों के असंतुलन को सेंसर और एआई के माध्यम से पहचानता है। स्क्रीन पर थ्री-डी मॉडल और ग्राफ के जरिये डॉक्टर को सटीक जानकारी मिलती है।
- सी-पेट (कंप्यूटराइज्ड पल्स इवैल्यूएशन टेक्नोलॉजी): इस तकनीक से नाड़ी की गति और हृदय से जुड़ी गतिविधियों का वैज्ञानिक विश्लेषण करती है।
- वर्चुअल रियलिटी लैब: विद्यार्थी व चिकित्सक वीआर चश्मों के जरिये शरीर की आंतरिक संरचना, औषधीय क्रियाएं और उपचार पद्धतियां थ्री-डी व इंटरैक्टिव तरीके से सीख रहे हैं। इससे रिसर्च और नवाचार को बढ़ावा मिल रहा है।
5 कृति परीक्षण कियोस्क: यह एक खास डिजिटल सुविधा है, जहां मरीजों को 20 सवालों के जवाब देने होते हैं। इनके आधार पर बीमारियों के बारे में जानकारी देता है।
6 एडवांस ह्यूमन फिजियोलॉजी लैब : शरीर से जुड़ी कई जांचें अत्याधुनिक मशीनों की मदद से की जाती हैं, जिससे समय पर रोग का पता लगाकर बेहतर इलाज सुनिश्चित किया जाता है।
आयुर्वेद में पंचकर्म का बढ़ रहा ट्रेंड
आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में पंचकर्म थेरेपी की मांग तेजी से बढ़ रही है। तनाव, अनियमित दिनचर्या, मोटापा और त्वचा संबंधी रोगों से परेशान लोग अब प्राकृतिक और शुद्ध इलाज की ओर रुख कर रहे हैं। इसके चलते राजधानी सहित आसपास के क्षेत्रों में पंचकर्म केंद्रों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।
वरिष्ठ नागरिकों के जीवन में पंचक्रम शामिल
शहर के आयुर्वेद कॉलेज और कई निजी संस्थान अब अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ पंचकर्म थैरेपी उपलब्ध करा रहे हैं। स्टीम चेंबर, हर्बल ऑइल मसाज और विशेष डाइट प्लान जैसी सेवाएं अब डिजिटल बुकिंग और मॉनिटरिंग सिस्टम के साथ उपलब्ध हैं। युवाओं से लेकर वरिष्ठ नागरिकों तक पंचकर्म को स्वस्थ जीवनशैली का हिस्सा बना रहे हैं।







