स्टूडेंट्स को मिलेगा स्टार्टअप, उद्यमिता और इंटर्नशिप का सीधा लाभ; विश्वविद्यालय में स्थापित होगा ‘स्वावलंबन केंद्र
जगदलपुर। शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय में शनिवार को विकसित छत्तीसगढ़ में स्वावलंबी बस्तर की भूमिका विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आयोजन में यूटीडी के अतिरिक्त विवि से सम्बद्ध विभिन्न महाविद्यालयों के प्राचार्य एवं प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

इस अवसर पर विद्यार्थियों के कौशल विकास, उद्यमिता संवर्धन, प्रशिक्षण एवं रोजगार अवसरों को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से विवि और स्वावलंबी भारत अभियान के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर भी किए गए। कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि, विवि से प्रतिवर्ष स्नातक व स्नातकोत्तर के करीब 25 हजार स्टूडेंट्स उत्तीर्ण होते हैं। इनमें से कम से कम दस फीसद स्टूडेंट्स को स्वरोजगार व स्टार्टअप से जोड़ने का प्रयास है।
10 फीसदी युवाओं को ही मिल रहा रोजगार
मुख्य अतिथि स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय सह संगठक सतीश कुमार ने कहा कि सभी विद्यार्थी अच्छे जॉब व कैरियर के स्वप्न लेकर विवि आते हैं लेकिन सभी के सपने पूरे नहीं हो पाते हैं। आज सभी सेक्टर मिलाकर केवल 10 फीसद युवाओं को ही रोजगार मिल पा रहा है। ऐसे में उद्यमिता एवं स्वरोजगार ही कैरियर का सबसे बेहतर साधन हैं।
भारत को विश्व शक्ति बनाने के लिए स्वदेशी को अपनाना बहुत जरूरीअपने स्वागत उद्बोधन में कार्यशाला के संयोजक डॉ. सजीवन कुमार ने कहा कि भारत को विश्व शक्ति बनाने के लिए स्वदेशी को अपनाना बहुत जरूरी है।
इस अवसर पर स्वावलंबी भारत अभियान के प्रांत समन्वयक जगदीश पटेल,सचिन्द्र बरिहार, शंकर त्रिपाठी व विवि और कॉलेज के प्राध्यापक उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ कुश नायक ने किया। सहायक कुलसचिव देवचारण गावड़े ने आभार उद्वोधन दिया।
