राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ शताब्दी वर्ष पर देशभर में 90 हजार से अधिक स्थानों पर करेगा आयोजन
स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने के ऐतिहासिक अवसर पर इस वर्ष विजयादशमी को विशेष रूप से मनाने जा रहा
रायपुर। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ अपनी शताब्दी विजयादशमी को ऐतिहासिक बनाने जा रहा है। देशभर में लाखों स्वयंसेवक, हजारों शाखाएं और विविध आयोजन संघ की शक्ति, संगठन और राष्ट्र निर्माण के संकल्प का प्रतीक बनेंगे। छत्तीसगढ़ भी इस ऐतिहासिक आयोजन का बड़ा केंद्र होगा। संघ के प्रचार विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने के ऐतिहासिक अवसर पर इस वर्ष विजयादशमी को विशेष रूप से मनाने जा रहा है।

करीब 60 लाख स्वयंसेवक भाग लेंगे
पूरे देश में 90 हजार से अधिक स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित होंगे, जिनमें करीब 60 लाख स्वयंसेवक भाग लेंगे। छत्तीसगढ़ में भी यह उत्सव विशेष रूप से मनाया जाएगा, जहां 34 जिलों के 1,601 मंडलों और 666 बस्तियों में लगभग 2 हजार स्थानों पर शाखाएं और पथ संचलन आयोजित होंगे।
एक माह तक चलेगा शताब्दी वर्ष का अभियान
25 अक्टूबर तक पूरे एक माह चलने वाले इस विशेष अभियान का मुख्य उद्देश्य समाज में संगठन, एकता और राष्ट्रभक्ति का संदेश फैलाना है। इसके साथ ही विकसित भारत के संकल्प को आगे बढ़ाते हुए परिवार, समाज और राष्ट्र को सशक्त और संगठित बनाने पर जोर रहेगा।

नागपुर में मुख्य आयोजन, भागवत और कोविंद होंगे मौजूद
संघ का मुख्य विजयादशमी समारोह नागपुर में होगा, जहां 1925 में आरएसएस की स्थापना हुई थी। यहां शस्त्र पूजन के बाद सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत स्वयंसेवकों को संबोधित करेंगे। इस ऐतिहासिक मौके पर देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी उपस्थित रहेंगे।
देशभर में पथ संचलन और विशेष आयोजन
कार्यक्रमों के तहत देशभर में 2 अक्टूबर को एक साथ, एक ही समय पर पथ संचलन निकाले जाएंगे। स्वयंसेवकों को इसके लिए विशेष प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। गणवेश बिक्री केंद्र स्थापित किए गए हैं और समाज के प्रबुद्ध वर्ग से संपर्क अभियान चलाया जा रहा है। डिजिटल माध्यमों से आंकड़े और सूचनाएं भी संकलित की जा रही हैं।

व्याख्यानमाला और सद्भाव सम्मेलन
शताब्दी वर्ष के अवसर पर सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत की व्याख्यानमाला भी आयोजित होगी, जो दिल्ली से शुरू होकर चेन्नई, कोलकाता और बेंगलुरु तक पहुंचेगी। देशभर के स्वयंसेवक इसे वर्चुअल रूप से सुन सकेंगे। संघ का लक्ष्य इस अभियान के माध्यम से 10 करोड़ से अधिक परिवारों तक पहुंच बनाना है। इसी अवधि में देशभर में एक लाख से अधिक हिंदू सम्मेलन और 11,360 सामाजिक सद्भाव बैठकों का भी आयोजन होगा, जिनमें सामाजिक एकता, सद्भाव और सांस्कृतिक उत्सवों पर चर्चा की जाएगी।






