पिछले वर्ष के 32.96 करोड़ टन से 26.1 लाख टन की वृद्धि दर्शाता है
नई दिल्ली। भारत का खाद्यान्न उत्पादन जून में समाप्त फसल वर्ष 2023-24 में रिकार्ड 33.22 करोड़ टन पर पहुंच गया है। गेहूं और चावल की बंपर फसल की वजह से कुल खाद्यान्न उत्पादन बढ़ा है। कृषि मंत्रालय ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि फसल वर्ष 2023-24 के लिए अंतिम अनुमान इससे पिछले वर्ष के 32.96 करोड़ टन से 26.1 लाख टन की वृद्धि दर्शाता है। इस दौरान चावल उत्पादन रिकार्ड 13.78 करोड़ टन पर पहुंच गया, जो 2022-23 में 13.57 करोड़ टन था।

महाराष्ट्र सहित दक्षिणी राज्यों में सूखे की स्थिति
गेहूं का उत्पादन भी 2022-23 के 11.05 करोड़ टन की तुलना में बढ़कर 11.32 करोड़ टन के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। हालांकि, दलहन उत्पादन 2.60 करोड़ टन से घटकर 2.42 करोड़ टन रह गया और तिलहन उत्पादन 4.13 करोड़ टन से घटकर 3.96 करोड़ टन रह गया। मंत्रालय ने दालों, मोटे अनाजों, सोयाबीन और कपास के उत्पादन में गिरावट का कारण ‘महाराष्ट्र सहित दक्षिणी राज्यों में सूखे की स्थिति को बताया है। गन्ने का उत्पादन 49.05 करोड़ टन से घटकर 45.31 करोड़ टन रह गया( तथा कपास का उत्पादन 3.36 करोड़ गांठ से घटकर 3.25 करोड़ गांठ (एक गांठ 170 किलोग्राम) रह गया ।
मोटे अनाज का उत्पादन 59.20 मिलियन टन निर्धारित
भारत सरकार ने फसल वर्ष 2024-25 के लिए 340.40 मिलियन टन खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है. खास बात यह है कि इसमें खरीफ सीजन से 159.97 मिलियन टन, रबी सीजन से 164 मिलियन टन और जायद सीजन से 16.43 मिलियन टन उपज शामिल है. मंत्रालय के अनुसार, चावल का कुल उत्पादन 136.30 मिलियन टन, गेहूं का 115 मिलियन टन, दालों का 29.90 मिलियन टन, तिलहन का 44.75 मिलियन टन और श्री अन्न सहित मोटे अनाज का उत्पादन 59.20 मिलियन टन निर्धारित किया गया है।
कपास उत्पादन का लक्ष्य 35 मिलियन गांठें अनुमानित
बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, मक्का का उत्पादन लक्ष्य 38.85 मिलियन टन और जौ का 2.25 मिलियन टन निर्धारित किया गया है. इन दोनों फसलों में मोटे अनाज शामिल हैं. दूसरी ओर, ज्वार, बाजरा, रागी और अन्य बाजरा सहित श्री अन्ना उत्पादन का लक्ष्य 18.10 मिलियन टन है, जिसमें से प्रमुख 14.37 मिलियन टन खरीफ सीजन के लिए, जबकि 2.6 मिलियन टन रबी से और 1.13 मिलियन टन जायद सीजन के लिए लक्षित है. जबकि, कपास उत्पादन का लक्ष्य 35 मिलियन गांठें अनुमानित है।