-छत्तीसगढ़ का इकलौता विश्वविद्यालय जिसने टॉप 40 में बनाई जगह
रायपुर। छत्तीसगढ़ के लिए गर्व का क्षण है, क्योंकि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय ने भारत सरकार द्वारा जारी नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ ) 2024-25 में कृषि व संबद्ध क्षेत्रों की सूची में 28वां स्थान प्राप्त किया है। Indira Gandhi Agricultural University has ranked 10th in the National Institutional Ranking Framework (NIRF) released by the Government of India.

पिछले वर्ष यह विश्वविद्यालय 39वें स्थान पर था, जिससे इस बार 11 स्थानों की उल्लेखनीय छलांग लगाई गई है। कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने चर्चा के दौरान कहा कि यह रैंकिंग केवल एक आंकड़ा नहीं, बल्कि विश्वविद्यालय की मेहनत, प्रतिबद्धता और गुणवत्ता का प्रतीक है।
राष्ट्रीय स्तर पर पहचानविशेष बात यह है कि मध्यप्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्यों के किसी भी कृषि विश्वविद्यालय को NIRF रैंकिंग में स्थान नहीं मिला, जबकि comparatively युवा और सीमित संसाधनों वाले छत्तीसगढ़ के विश्वविद्यालय ने यह उपलब्धि हासिल की है। इससे इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय स्तर पर पहचान और प्रतिष्ठा और भी मजबूत हुई है।
डॉ. चंदेल ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत शिक्षा व्यवस्था में सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाए गए हैं। वर्तमान में विश्वविद्यालय के अंतर्गत 28 शासकीय महाविद्यालय संचालित हो रहे हैं जिनमें अधोसंरचना, छात्रावास, पुस्तकालय, स्मार्ट क्लासरूम व सभागार की सुविधाएं विकसित की जा रही हैं।
तकनीकी और अनुसंधान उपलब्धियाँ:
- 500 से अधिक पेटेंट, उत्पाद और किस्में दर्ज
- 22 नई फसल किस्में विकसित
- 91 कृषि तकनीकों का विकास व अधिसूचना
- 46 नई उत्पादन विधियाँ
- 45 कृषि यंत्रों का नवाचार
- 4 राष्ट्रीय समन्वित परियोजनाओं में “सर्वश्रेष्ठ केन्द्र” पुरस्कार
राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय सहयोग:
विश्वविद्यालय ने अनुसंधान को वैश्विक स्तर पर पहुंचाने के लिए 70 से अधिक राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) किए हैं। इसके अतिरिक्त, राज्य शासन द्वारा 1 करोड़ रुपये की सहायता से विद्यार्थियों व संकाय को विदेशों में अध्ययन व अनुसंधान का अवसर प्रदान किया जा रहा है।

भविष्य की योजनाएँ:
डॉ. चंदेल ने बताया कि विश्वविद्यालय ने उन क्षेत्रों की पहचान कर ली है जहां अभी और सुधार की आवश्यकता है। आने वाले वर्षों में इन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा ताकि विश्वविद्यालय अगले कुछ वर्षों में देश के शीर्ष 10 कृषि विश्वविद्यालयों में शामिल हो सके। यह सफलता न केवल विश्वविद्यालय बल्कि पूरे राज्य के लिए प्रेरणास्रोत है, जो यह दिखाती है कि प्रतिबद्धता, नवाचार और सतत प्रयासों से सीमित संसाधनों के बावजूद भी उत्कृष्टता हासिल की जा सकती है।







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