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इंडियन ओवरसीज बैंक लोन घोटाला, 1 करोड़ 65 लाख 44 हजार रुपए के गबन का आरोप

लगभग 2,000 पन्नों का विस्तृत अभियोग पत्र दाखिल किया

रायपुर। इंडियन ओवरसीज बैंक गबन मामले में ईओडब्ल्यू ने आरोपियों के खिलाफ रायपुर की विशेष अदालत में शुक्रवार को लगभग 2,000 पन्नों का विस्तृत अभियोग पत्र दाखिल किया है। इस घोटाले में चार मुख्य आरोपी तत्कालीन शाखा प्रबंधक सुनील कुमार, तत्कालीन सहायक शाखा प्रबंधक अंकिता पाणिग्रही और दो लिपिक योगेश पटेल और खेमनलाल कंवर को जेल भेजा जा चुका है। इन सभी पर गंभीर आर्थिक अनियमितताओं और कूटरचना कर 1 करोड़ 65 लाख 44 हजार रुपए के गबन का आरोप है।


जानकारी के मुताबिक जांच के अनुसार, दिसंबर 2022 से फरवरी 2023 के बीच इन बैंक कर्मचारियों-अधिकारियों ने आपसी साठगांठ से राजिम शाखा में 17 खाताधारकों के नाम पर बिना उनकी जानकारी और सहमति के फार्म और व्हाउचर भर दिए। इतना ही नहीं, बैंक के कम्प्यूटर सिस्टम का दुरुपयोग कर फर्जी ज्वेलर्स लोन स्वीकृत किए गए।

ईओडब्लू की प्रारंभिक जांच में सामने आया कि ये सभी लोन जाली दस्तावेजों के आधार पर जारी किए गए थे, और इस पूरे फर्जीवाड़े में खाताधारकों को अंधेरे में रखा गया। घोटाले की भनक लगते ही बैंक प्रबंधन ने जांच शुरू की और मामला ईओडब्लू को सौंपा गया। अब एजेंसियों द्वारा अदालत में प्रस्तुत अभियोग पत्र में घोटाले से जुड़े सभी सबूत और बयान शामिल हैं।

1 Comment

  1. News says:

    रायपुर में इंडियन ओवरसीज बैंक के गबन मामले ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। यह चौंकाने वाला है कि इतने बड़े स्तर पर धोखाधड़ी की योजना बनाई गई। जांच से पता चला कि जाली दस्तावेजों का उपयोग करके ऋण जारी किए गए थे। क्या यह मामला बैंकिंग प्रणाली में सुरक्षा की कमी की ओर इशारा करता है? Given the growing economic instability due to the events in the Middle East, many businesses are looking for guaranteed fast and secure payment solutions. Recently, I came across LiberSave (LS) — they promise instant bank transfers with no chargebacks or card verification. It says integration takes 5 minutes and is already being tested in Israel and the UAE. Has anyone actually checked how this works in crisis conditions?

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