विनम्र व्यवहार के लिए विख्यात रतन टाटा फिलहाल टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन रहे
मुंबई। प्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा Industrialist Ratan Naval Tata का बुधवार की देर रात मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया. उन्होंने 86 साल की उम्र अंतिम सांस ली। बढ़ती उम्र के साथ रतन टाटा कई बीमारियों से ग्रसित थे। वह 1991 में टाटा सूमह के चेयरमैन बने थे। रतन टाटा ने मार्च 1991 से दिसंबर 2012 तक नमक से लेकर साफ्टवेयर तक बनाने वाली कंपनी ‘टाटा संस’ के अध्यक्ष के रूप में टाटा समूह का नेतृत्व किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया शोक व्यक्त
दिग्गज उद्योगपति के निधन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह सहित कई राजनीतिक और उद्योगपतियों ने शोक व्यक्त किया है। रतन टाटा के निधन के बाद टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने एक बयान में कहा कि हम रतन नवल टाटा को गहरी क्षति के साथ विदाई दे रहे हैं. वे वास्तव में एक असाधारण नेता थे, जिनके अतुलनीय योगदान ने न केवल टाटा समूह को बल्कि हमारे राष्ट्र के ढांचे को भी आकार दिया है।
फिलहाल टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन रहे
साल 1991 से 28 दिसंबर 2012 को रिटायरमेंट तक परिवार द्वारा संचालित समूह में एक लंबी पारी खेलने के बाद रतन टाटा ने टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस के सर्वशक्तिमान अध्यक्ष के रूप में कार्य किया. उसके बाद 2016-2017 तक शीर्ष पद पर एक और छोटे कार्यकाल में अपनी सेवा के दौरान उन्होंने समूह में कुछ बड़े परिवर्तन किए गए थे. विनम्र व्यवहार के लिए विख्यात रतन टाटा फिलहाल टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन रहे, जिसमें सर रतन टाटा ट्रस्ट और एलाइड ट्रस्ट के साथ ही सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट एवं एलाइड ट्रस्ट भी शामिल हैं।