छात्रों ने विवि प्रशासन पर लगाए अन्यायपूर्ण वसूली के आरोप
रायपुर। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के छात्रों में हॉस्टल के भोजन शुल्क अनिवार्य जमा करने के निर्णय को लेकर नाराजगी है। जिसे लेकर छात्रों ने सोमवार को विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया। साथ ही छात्रावास में प्रवेश प्रक्रिया को लेकर छात्रों ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। विद्यार्थियों का कहना है कि हॉस्टल में प्रवेश के लिए विवि प्रशासन 3000 रुपए भोजन शुल्क अनिवार्य रूप से जमा कराने की शर्त रखी गई है, जो जबरदस्ती वसूली के समान है।

अतिरिक्त आर्थिक संकट का बोझ
छात्रों का दावा है कि यह राशि केवल दो समय के भोजन के लिए निर्धारित की गई है, जबकि वास्तविक लागत इससे कहीं कम है। मध्यमवर्गीय और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों से आने वाले छात्रों के लिए यह शुल्क एक अतिरिक्त आर्थिक बोझ बन चुका है। इस निर्णय से उन विद्यार्थियों को परेशानी हो रही है, जो पहले ही सीमित संसाधनों में रहकर उच्च शिक्षा प्राप्त करने का प्रयास कर रहे हैं।

छात्रों के लिए राहत नहीं
वहीं सुनील कुमार, मो नसीम, पूजा वर्मा, मुक्ता भारती, समीर वर्मा, मयंक वर्मा आदि छात्रों ने स्पष्ट कहा कि हॉस्टल सुविधाएं छात्रों के लिए राहत देने और उनकी शिक्षा को सहज बनाने के लिए होती हैं, न कि उन्हें आर्थिक रूप से और अधिक जकड़ने के लिए। जबरन भोजन शुल्क वसूलना शैक्षणिक मूल्यों के खिलाफ है और यह शोषण की श्रेणी में आता है।

कुलसचिव को लिखित में सौंपा ज्ञापन
छात्रों के प्रतिनिधिमंडल ने इस मुद्दे को लेकर कुलसचिव सुनील कुमार शर्मा को एक लिखित ज्ञापन सौंपा है, जिसमें उन्होंने इस शुल्क की समीक्षा और इसे वैकल्पिक बनाने की मांग की है। उनका कहना है कि यदि प्रशासन इस पर शीघ्र कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लेता है, तो वे आंदोलन को और तेज करने पर मजबूर होंगे।