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महाकुंभ :अखाड़ों की बढ़ेगी जमीन,संतों को देंगे परिचय-पत्र, वाहनों के जारी होंगे पास

13 अखाड़ों के प्रतिनिधि, अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों व पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों के बीच बैठक में बनी।

प्रयागराज। महाकुंभ में अखाड़ों की जमीन और सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। सतत संवाद के लिए एडीएम अखाड़ा व एएसपी अखाड़ा का पद भी सृजित किया जाएगा, जिससे अखाड़ों की समस्या का तुरंत समाधान किया जा सके। अखाड़ा थाना के साथ बिजली उपकेंद्र अलग होगा। बिजली, जल निगम, लोक निर्माण विभाग के एक्सईएन भी अखाड़ों के लिए अलग नियुक्त होंगे। अखाड़े अपने संतों को परिचय पत्र देंगे। पुलिस उनके वाहनों के लिए विशेष पास जारी करेगी। यह सहमति शुक्रवार को 13 अखाड़ों के प्रतिनिधि, अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों व पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों के बीच बैठक में बनी।
20-20 प्रतिशत अतिरिक्त भूमि देने की मांग उठाई
मंडलायुक्त कार्यालय के गांधी सभागार में हुई बैठक में संतों ने कहा कि प्रयागराज में 2001 में हुए महाकुंभ में अखाड़ों की जमीन और सुविधाएं बढ़ाई गई थीं। इसके बाद रकबा नहीं बढ़ा। अब अखाड़ों में महामंडलेश्वर, महंत, श्रीमहंत और संतों की संख्या काफी बढ़ी है, उसके अनुरूप मेला क्षेत्र में भूमि, टेंट और अन्य सुविधाएं बढ़ाई जानी चाहिए। श्रीमहानिर्वाणी अखाड़ा के सचिव श्रीमहंत यमुना पुरी ने समस्त अखाड़ों को 20-20 प्रतिशत अतिरिक्त भूमि देने की मांग उठाई। महाकुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने कहा कि बाढ़ खत्म होने के बाद जमीन की स्थिति पर इसे प्राथमिकता के आधार पर वह खुद देखेंगे।

महाकुंभ को पालीथिन मुक्त बनाने पर जोर
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और श्रीनिरंजनी अखाड़ा के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी ने गंगा में अविरल-निर्मल जल छोड़ने की मांग की। निर्मल अखाड़ा के सचिव श्रीमहंत देवेंद्र सिंह शास्त्री ने अखाड़ों के नगर प्रवेश, पेशवाई मार्गों को जल्द दुरुस्त कराने की बात कही। वहीं, अखाड़ा परिषद (महानिर्वाणी गुट) के महामंत्री श्रीमहंत राजेंद्र दास ने समस्त संतों को निश्शुल्क टेंट देने की मांग उठाई। जूना अखाड़ा के मुख्य संरक्षक व अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरि ने कुंभ क्षेत्र को पालीथिन मुक्त बनाने व उसके आस-पास पांच किलोमीटर में मांस, मछली, शराब की बिक्री प्रतिबंधित करने पर जोर दिया। संतों और अधिकारियों ने महाकुंभ को ग्रीन और स्वच्छ रखने का भी संकल्प लिया।

फर्जी बाबाओं को रोकने की उठी मांग
संतों ने हाथरस की घटना को देखते हुए महाकुंभ मेला में आने वाले फर्जी, ढोंगी और पाखंडी बाबाओं का प्रवेश रोके जाने की भी मांग की। आशंका जताई कि ऐसे पाखंडी बाबाओं के कुंभ मेला में आने से न केवल सनातन धर्म को नुकसान होगा, बल्कि मेला की सुरक्षा में भी सेंध लगेगी। अखाड़ों के प्रतिनिधियों का कहना था कि फर्जी संतों को अखाड़ा परिषद चिह्नित करेगा, लेकिन कानूनी कार्रवाई शासन और प्रशासन कर सकता है।

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