-भूमि डायवर्सन (व्यपवर्तन) की जटिल प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा
-25 सितंबर 2024 को फ्री-होल्ड पर लगाई गई रोक भी हटा दी गई है
महत्तवपूर्ण बात
–आम जनता को सीधे मिलेगा आवासीय भू-स्वामित्व
-राजस्व अभिलेखों में नामांतरण होगा आसान
-वैधानिक कार्यों में आएगी तेजी
-हजारों आबंटियों को मिलेगा स्थायी समाधान
रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन ने आम जनता को बड़ी राहत देते हुए गृह निर्माण मंडल की संपत्तियों को फ्री-होल्ड करने का रास्ता साफ कर दिया है। अब हितग्राहियों को भूमि डायवर्सन (व्यपवर्तन) की जटिल प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा, जिससे समय, धन और प्रयास की बचत होगी। इससे हजारों आबंटी लाभान्वित होंगे, जिन्हें अब उनकी संपत्तियों पर पूर्ण मालिकाना हक प्राप्त होगा। The path to freehold Housing Board properties is now clear, eliminating the need for diversion
गृह निर्माण मंडल ने 25 सितंबर 2024 को फ्री-होल्ड पर लगाई गई रोक भी हटा दी गई है। सोमवार को नया आदेश जारी कर मंडल को दोबारा फ्री-होल्ड की प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति दी गई है।
सहजता से होगा नामांतरण
शासन ने छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता 1959 में संशोधन कर 31 अक्टूबर 2024 तक गृह निर्माण मंडल को आबंटित सभी भूमियों को लैंड डायवर्सन से मुक्त कर दिया है। अब ये भूमियां सीधे आवासीय मानी जाएंगी और राजस्व अभिलेखों में सहजता से नामांतरण हो सकेगा।
समस्या का स्थाई समाधान
पहले संपत्तियों को फ्री-होल्ड कराने के बाद भी उनका भू-प्रयोग कृषि या शासकीय के रूप में दर्ज रहता था, जिससे डायवर्सन की बाध्यता बनी रहती थी। इससे प्रीमियम, वार्षिक भू-राजस्व, पर्यावरण उपकर जैसी वित्तीय बाधाएं सामने आती थीं। अब इन सभी समस्याओं का स्थाई समाधान हो गया है।
राजस्व अभिलेखों में पारदर्शिता आएगी
बैंकों ऋण, नामांतरण और वैधानिक कामों में आएगी गति
इस निर्णय से राजस्व अभिलेखों में पारदर्शिता आएगी, संपत्तियों का वास्तविक उपयोग स्पष्ट होगा और बैंकों से ऋण, नामांतरण एवं अन्य वैधानिक कार्यों में भी गति आएगी। सरकार की यह पहल आम जनता की सुविधा, अधिकार और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है।

हितग्राहियों के लिए होगी वित्तीय राहत
आवास मंत्री ओपी. चौधरी ने इसे हितग्राहियों के लिए वित्तीय राहत और स्थायी समाधान बताया है। वही गृह निर्माण मंडल अध्यक्ष अनुराग सिंह देव ने इसे जनहित में लिया गया दूरदर्शी और ऐतिहासिक निर्णय करार दिया। यह पहल राज्य सरकार की पारदर्शिता, संवेदनशीलता और जनता के अधिकारों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है।