5 किलो के हाथीझूला से लेकर 200 से अधिक किस्मों का प्रदर्शन
रायपुर। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय राष्ट्रीय आम महोत्सव का शुभारंभ शुक्रवार को किया गया। महोत्सव का उद्देश्य आम की विविधता, उसके उत्पादों और खेती को बढ़ावा देना है। इस महोत्सव में देशभर के विभिन्न राज्यों के 450 से अधिक किसानों द्वारा 1200 से अधिक आमों की 200 से अधिक किस्मों का प्रदर्शन किया जा रहा है। वहीं मियाजाकी आम काफी आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। जिसकी कीमत एक किलो पर लगभग 2.5 लाख रुपये है, जो इसे दुनिया का सबसे महंगा आम बनाता है। इसके अलावा, हाथीझूल आम का आकार भी आकर्षण का केंद्र बना हुआ है, जो आकार में 5 किलोग्राम तक हो सकता है।

गोल्डन नगेट्स जैसी प्रमुख किस्में शामिल
इस महोत्सव का आयोजन विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़ शासन के संचालनालय उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी और प्रकृति की ओर सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है। इनमें दशहरी, लंगड़ा, चौसा, मालदा, हिमसागर, केसर, अल्फांसो, तोतापरी, बैगनफल्ली, मियाजाकी, टॉमी एटकिन्स और गोल्डन नगेट्स जैसी प्रमुख किस्में शामिल हैं।
आम से बने 56 प्रकार के व्यंजनों की प्रदर्शनी
फल विज्ञान विभाग ने आम के गूदे, छिलके और बीज से 56 प्रकार के व्यंजनों का निर्माण किया है, जिन्हें छप्पन भोग के नाम से जाना जाता है।
महोत्सव के अंतिम दिन, 8 जून को प्रदर्शनी के अवलोकन के साथ-साथ प्रतिभागियों के लिए पुरस्कार वितरण और सम्मान समारोह का आयोजन किया जाएगा।