पंचतत्व में विलीन हुईं रायपुर की पहली महिला विधायक रजनी ताई उपासने
रायपुर। रायपुर की पहली महिला विधायक और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ी रहीं रजनी ताई उपासने गुरूवार को पंचतत्व में विलीन हो गई। मारवाड़ी श्मशान घाट में हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार विधिविधान से रजनी ताई को मुखाग्नि दी गई। इसके पहले उनके पार्थिव शरीर को पुलिस परेड ग्राउंड के पास स्थित उपासने निवास पर श्रद्धांजलि के लिए रखा गया था। इसके बाद बूढ़ातालाब के पास स्थित मारवाड़ी श्मशान घाट तक उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई।


बड़ी संख्या में जानी-मानी हस्तियां जुटीं
उनके अंतिम दर्शन के लिए राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र से कई जानी-मानी हस्तियां जुटीं। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह, कैबिनेट मंत्री टंकराम वर्मा,सांसद बृजमोहन अग्रवाल, समेत बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधियों ने रजनी ताई को श्रद्धांजलि अर्पित की।


हमारा परिवार घोर गरीबी से ऊपर उठा
एक चर्चा के दौरान उनके बड़े बेटे जगदीश उपासने ने कहा कि हमारा परिवार घोर गरीबी से ऊपर उठा है। जब हमारा आहार केवल ज्वार की रोटी, प्याज और नमक तक सीमित था, तब मां हमारा पेट भरने के लिए स्वयं भूखी सो जाती थीं। हम भाई-बहनों की पढ़ाई में माता-पिता का संघर्ष और त्याग ही प्रेरणा रहा। आज उनके पोते आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे अत्याधुनिक विषय में पीएचडी कर रहे हैं।
सत्याग्रह के लिए कभी सिद्धांतों से नहीं की समझौता
वहीं, छोटे बेटे और भाजपा नेता सचिदानंद उपासने ने कहा कि ताई ऐसी माता थीं जिन्होंने जीवनभर संघर्ष किया। चाहे पारिवारिक जिम्मेदारियां हों या सामाजिक और राजनीतिक दायित्व, सत्याग्रह के लिए जेल जाना उन्होंने सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं किया। पति स्व. दत्तात्रेय उपासने के साथ हर कठिन परिस्थिति में उनकी छाया बनी रहीं। घर की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के बावजूद संघ कार्य के लिए हमें प्रेरित किया और विभिन्न प्रशिक्षण एवं शिक्षा वर्गों में भाग लेने भेजा। आपातकाल के समय उन्होंने हमें सत्याग्रह के लिए तिलक लगाकर आजीवन जेल जाने विदा किया। काले दिनों में वे संघर्ष की प्रतिमूर्ति बनकर स्थानीय स्तर पर भूमिगत आंदोलन की मुखिया रहीं और इसी वजह से सबकी ‘ताई बन गईं।
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