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कन्वर्जन जैसी गंभीर समस्याओं को उजागर करने के लिए राष्ट्रवादी पत्रकारिता की आवश्यकता: हितेश शंकर

देवर्षि नारद जयंती पर पत्रकार सम्मान समारोह

रायपुर। आद्य पत्रकार देवर्षि नारद की जयंती के अवसर पर राजधानी रायपुर के सिविल लाइंस स्थित नवीन विश्राम गृह में राष्ट्रीय सुरक्षा में पत्रकारिता की भूमिका विषय पर संगोष्ठी आयोजित की गई। इस अवसर पर वक्ताओं ने राष्ट्रीय सुरक्षा में पत्रकारिता की भूमिका पर अपने विचार साझा किए। देवर्षि नारद जयंती आयोजन समिति, छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता पाञ्चजन्य के संपादक हितेश शंकर (नई दिल्ली) और मुख्य अतिथि दूरदर्शन के कार्यक्रम प्रमुख प्रदीप कुमार श्रीवास्तव ने विचारों के महायज्ञ में अपनी आहुति दी।

पाञ्चजन्य जैसे राष्ट्रवादी समाचार संस्थानों की आवश्यकता क्यों पड़ती है

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हितेश शंकर ने कहा, जो पत्रकारिता कभी भारत माता की जय के उद्घोष से शुरू हुई थी, वह आज वंदे मातरम् नहीं कहेंगे जैसे बयानों के समर्थन में कैसे पहुंच गई? हितेश शंकर ने यह भी कहा कि स्वतंत्रता के बाद आज हमें पाञ्चजन्य, ऑर्गनाइज़र और स्वदेश जैसे राष्ट्रवादी समाचार संस्थानों की आवश्यकता क्यों पड़ती है? क्योंकि सरकार तो बन गई, लेकिन उसका सरोकार भी राष्ट्रहित से जुड़ा होना चाहिए। यह कार्य इन संस्थानों ने किया है।

राष्ट्रवादी पत्रकारिता की आवश्यकता उन्होंने छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में राष्ट्रवादी दृष्टिकोण से पत्रकारिता की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए कहा कि वर्षों तक प्रदेश के बड़े हिस्से में हिंसा की दानवी शक्तियों को मानवाधिकार की लड़ाई बताकर प्रस्तुत किया गया। ऐसे एकतरफा नैरेटिव को तोड़ने और कन्वर्जन जैसी गंभीर समस्याओं को उजागर करने के लिए राष्ट्रवादी पत्रकारिता की आवश्यकता है।

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