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मरीज को बगैर डॉक्टर के एम्बुलेंस से भेजना एनएच एमएमआई अस्पताल को पड़ा भारी, कलेक्टर ने जारी किया नोटिस

-मामला 12 सितंबर 2024 का है, 30 दिन में दे जवाब अन्यथा लाइसेंस होगा रद्द

रायपुर। लगभग आठ माह पूर्व एक मरीज की मौत के मामले में कलेक्टर डॉ गौरव सिंह ने एनएच एमएमआई हॉस्पिटल, लालपुर, रायपुर के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करते हुए अनुज्ञा पत्र (लाइसेंस) के निलंबन व निरस्तीकरण के साथ 20,000 के जुर्माने का नोटिस जारी किया है। यह मामला 12 सितंबर 2024 को एयर एम्बुलेंस में ले जाए जा रहे मरीज भारती देवी खेमानी की मृत्यु से जुड़ा है। जिसमें कलेक्टर ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अस्पताल प्रबंधन को 30 दिन के अंदर जवाब देने को कहा है।

30 दिवस में देना होगा जवाब
जांच में सामने आया कि अस्पताल प्रबंधन की तरफ से मरीज के स्वास्थ्य को लेकर गंभीर लापरवाही गई। जांच प्रतिवेदन में इस लापरवाही को छत्तीसगढ़ नर्सिंग होम एक्ट की धारा 9(1) और अनुसूची (1) के (क) (3.2), (3.3) तथा अध्याय 3 की धारा 12(1) का उल्लंघन करार दिया गया है। कलेक्टर ने संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं, छत्तीसगढ़ के आदेश के अनुसार अस्पताल प्रबंधन को जवाब प्रस्तुत करने का अवसर दिया है। निर्धारित अवधि में संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर लाइसेंस निरस्तीकरण सहित अन्य विधिक कार्रवाई की जाएगी।

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जांच रिपोर्ट में अस्पताल प्रबंधन की दिखी लापरवाही
-मरीज को अस्पताल से एयरपोर्ट ले जाते समय न ही कोई प्रशिक्षित मेडिकल स्टाफ।
-मरीज के अस्पताल रिकॉर्ड में डिस्चार्ज अगेंस्ट मेडिकल एडवाइस दर्ज था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि मरीज को जोखिम के बावजूद रेफर किया गया।
-यह लापरवाही सीधे तौर पर मरीज की जान को खतरे में डालने के बराबर मानी गई।
-एयरक्राफ्ट में टेक-ऑफ से पहले मरीज के सभी वाइटल पैरामीटर सामान्य थे, लेकिन उड़ान शुरू होने के महज 15 मिनट के भीतर उनकी स्थिति अचानक गंभीर हो गई।
-आपात स्थिति में मरीज को हैदराबाद ले जाने के बजाय विमान को वापस रायपुर एयरपोर्ट पर उतारना पड़ा, परंतु तब तक काफी देर हो चुकी थी।

मरीज को एयर लिफ्ट कर हैदराबाद ले जाया जा रहा था

भारती खेमानी के बेटे ओमी खेमानी ने बताया कि, उनकी मां को स्वाइन फ्लू के इलाज के लिए हृ॥रूरूढ्ढ में २ सितंबर को एडमिट कराया था। १२ सितंबर को हॉस्पिटल ने उनकी मां को हैदराबाद रेफर करने की सलाह दी। खेमानी ने बताया कि जिस एम्बुलेंस से उनकी मां को एयरपोर्ट भेजा गया, उसमें कोई डॉक्टर ही नहीं था। वहीं रेड एयर एम्बुलेंस में भी ऑक्सीजन नहीं था।

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