जेएसएस और एनआईटी की साझेदारी से साकार हो रहा ग्रामीण स्वास्थ्य का डिजिटल सपना
..मैन्युअल स्टेडियोमीटर की तुलना में कहीं अधिक सरल और व्यवहारिक
रायपुर। एनआईटी के छात्रों ने नवाचार की दिशा में पहल करते हुए ग्रामीण भारत की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए एक अनोखी पहल की है। बायोमेडिकल इंजीनियरिंग विभाग के छात्र ऋ षभ रंजन झा और शुभम जांगिड ने मिलकर एक हल्का, पोर्टेबल और बेहद सस्ता हाइट मापन स्मार्ट उपकरण विकसित किया है, जिससे ग्रामीण बच्चों की ऊंचाई सिर्फ 5 सेकंड में मापी जा सकती है।


डिवाइस को कई आंगनबाड़ी केंद्रों में जांच की गई
इस डिवाइस की सबसे बड़ी खासियत है कि यह मैन्युअल स्टेडियोमीटर की तुलना में कहीं अधिक सरल और व्यवहारिक है। इसे छत्तीसगढ़ के मोहला-मानपुर और अंबागढ़ चौकी के 10 से अधिक आंगनबाड़ी केंद्रों और 2 स्कूलों में 250 से अधिक बच्चों पर परीक्षण किया गया, जिसमें इसकी सटीकता 99 प्रतिशत पाई गई।
महंगे डिजिटल हाइट मीटर की तुलना में सस्ता
बाजार में महंगे डिजिटल हाइट मीटर की तुलना में यह डिवाइस ग्रामीण जरूरतों के अनुरूप अधिक अनुकूल है। इसकी कीमत मात्र 750 प्रति यूनिट है, जिसे भविष्य में 500 से भी कम किया जा सकता है। इसी तरह, इन छात्रों ने एक ऐसी वजन मापने वाली मशीन भी डिजाइन की है जो अनसमतल या ऊबड़-खाबड़ सतहों पर भी सटीक माप देती है, जो कि गांवों के लिए एक बड़ी समस्या थी। इन नवाचारों को जन स्वास्थ्य सहयोग, गनियारी की जमीन से जुड़ी जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।
स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर किया काम
इस कार्य में एम्स के एमबीबीएस छात्र अच्युतानंद बिस्वास, और एनआईटी के छात्र आकाश गुप्ता भी सक्रिय रूप से शामिल हैं। इस प्रयास को डॉ. सौरभ गुप्ता, एसोसिएट प्रोफेसर, बायोमेडिकल इंजीनियरिंग द्वारा मार्गदर्शन मिला है। हाल ही में एनआईटी और जेएसएस गनियारी के बीच हुए समझौता ज्ञापन के तहत छात्रों को ग्रामीण भारत की स्वास्थ्य समस्याओं पर काम करने का अवसर भी दिया गया है।