दिव्य कथा का दूसरा दिन, रायपुर में शास्त्री जी ने खोले समाज, संस्कृति और सनातन के कई आयाम
रायपुर। संतों की वाणी जब समाज की पीड़ा पर प्रहार करती है, तो विचारों की चिंगारी दिलों में जल उठती है। बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने रायपुर में आयोजित पत्रकार वार्ता में ऐसा ही कुछ कहा जिसने उपस्थितजनों को आत्मचिंतन के लिए विवश कर दिया। “Not helping the poor is the biggest weakness of society” – Pt. Dhirendra Shastri
आयोजित पत्रकार वार्ता
“अमीर जब गरीब की मदद नहीं करता, तब समाज का संतुलन बिगड़ता है। और यही आज की सबसे बड़ी कमजोरी है।” — पं. धीरेंद्र शास्त्री
सनातन ट्यूशन – संस्कारों की पाठशाला हो हर घर में
शास्त्री जी ने कहा कि हर भारतवासी को हर दिन कम से कम तीन घंटे का “सनातन ट्यूशन” लेना चाहिए। रामचरितमानस, भगवद्गीता जैसे ग्रंथों का अध्ययन केवल धार्मिक नहीं, बल्कि संस्कार निर्माण का माध्यम होना चाहिए। उन्होंने सरकार से अपील की कि बच्चों के लिए ऐसी शिक्षा नीति बने जो उन्हें संस्कृति से जोड़े। यदि सरकार ऐसा नहीं करती, तो अभिभावकों को खुद आगे आना चाहिए।
छत्तीसगढ़ में सड़कों पर घायल होती और मरती गायों पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा:
“अगर हर तहसील में 5000 गोधाम बनवा दिए जाएं, तो गोमाता की रक्षा हो सकती है।”
शास्त्री जी ने सुझाव दिया कि चार तहसीलों से शुरुआत कर 20 हजार गोधाम बनाए जाएं। साथ ही गोधामों में चारा, पानी, सुरक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
धर्मांतरण पर सख्त संदेश – बागेश्वर का मंच खुला है वापसी के लिए
जो लोग भटक कर सनातन से दूर चले गए हैं, उनके लिए भी शास्त्री जी ने द्वार खोल रखे हैं।
“5 से 8 अक्टूबर के बीच, जो लौटना चाहें – आइए, मंच खुला है।”
उन्होंने कहा कि धर्म केवल परंपरा नहीं, बल्कि आत्मा की पुकार है। और जो इसे समझते हैं, वे लौट ही आते हैं।
छत्तीसगढ़ – सनातन की धरती, देवी शक्तियों की कृपा भूमि
छत्तीसगढ़ को “सनातन का अद्भुत प्रदेश” बताते हुए उन्होंने मां दंतेश्वरी, मां बम्लेश्वरी, मां महामाया जैसी देवियों की विशेष कृपा का उल्लेख किया।
“यह भूमि केवल प्राकृतिक नहीं, आध्यात्मिक ऊर्जा से भरी है।”
📅 अगली कथा की घोषणा – नवंबर में फिर लौटेंगे रायपुर
शास्त्री जी ने घोषणा की कि 📍 7 से 16 नवंबर के बीच वे फिर रायपुर आएंगे कथा के लिए, और इस बार दो दिवसीय दिव्य दरबार भी हो सकता है — यदि गुरु की कृपा रही।
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