बनीं उम्मीद की मिसाल :नर्तकी से चैंपियन तक का सफर, फिल्मी नहीं, मैग्दलेना की है असली कहानी
World Champion Magdalena Andruszkiewicz Aims For Paralympic Gold In Los Angeles
डेस्क। नई दिल्ली, 29 सितंबर। एक स्टेज था, रौशनी थी, संगीत की ताल पर थिरकती एक प्रोफेशनल नर्तकी थी—मैग्दलेना एंड्रुस्ज़किविच। पोलैंड की इस कलाकार के लिए नृत्य केवल कला नहीं, जीवन की अभिव्यक्ति था। लेकिन जि़ंदगी कब रुख बदल दे, कौन जानता है? मैग्दलेना की जि़ंदगी में कोई स्क्रिप्ट राइटर नहीं था। न कोई निर्देशक, न कोई रीटेक। जो कुछ भी था, वह असली था—दर्द भी, संघर्ष भी और जीत भी।
यह थी संघर्ष, संकल्प और सपनों की जीत जब 29 सितंबर को नईदिल्ली में पोलैंड की पैरा एथलीट मैग्दलेना एंड्रुस्ज़किविच ने विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप्स के टी 72 400 मीटर फाइनल में दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में फिनिश लाइन पार की, तो तालियों की गड़गड़ाहट ने इतिहास को गूंजा दिया। मगर यह सिर्फ एक रेस की जीत नहीं थी, यह थी उनके संघर्ष, संकल्प और सपनों की जीत।
नृत्य बंद हो गया, पर लड़ाई शुरू हुई सात साल पहले एक स्ट्रोक ने उनकी जि़ंदगी की स्क्रिप्ट ही बदल दी। शरीर का एक हिस्सा सुन्न पड़ गया। नृत्य बंद हो गया, पर लड़ाई शुरू हुई—अपने ही शरीर से, अपनी टूटती उम्मीदों से, और उस भविष्य से, जो अब पूरी तरह धुंधला लगने लगा था।
जब ताल थमी, तब जुनून जागा उस दिन मैं गिर गई थी, लेकिन वहीं से उठना सीखना शुरू किया। फिजियोथेरेपी के दौरान उन्हें पहली बार फ्रेम साइकिल दी गई—चलने फिरने की सहायक साइकिल। उनके लिए यह सिर्फ इलाज का हिस्सा थी, पर धीरे-धीरे यह उनकी नई जीवनरेखा बन गई। पहले सिर्फ खड़े होने की कोशिश थी। फिर धीरे-धीरे पैडल मारना शुरू किया। कब यह मेरी जिंदगी बन गया, पता ही नहीं चला।
नृत्य की लय ने दिया खेल में धैर्य मैग्दलेना मानती हैं कि नर्तकी के रूप में मिला अनुशासन और लय, अब उनके खेल जीवन की सबसे बड़ी ताकत है। ट्रैक पर वो जिस संतुलन, फोकस और धैर्य के साथ साइकिल चलाती हैं, वह उनके बीते कल की देन है। डांस ने मुझे सिखाया कि हर गिरावट के बाद एक राइज होता है—वो राइज अब रेस के रूप में है।
दुनिया की चैंपियन, दिलों की प्रेरणा उन्होंने पैरा एथलेटिक्स में प्रवेश लिया, और सिर्फ पांच साल में कमाल कर दिखाया। 2023 पेरिस – रजत पदक 2024 कोबे – विश्व रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण 2025 दिल्ली – 1 मिनट 13 सेकंड में रेस पूरी कर खिताब की रक्षा
ये भारत है—यहां की ऊर्जा जादू जैसी है भारत में पहली बार भाग लेते हुए, दिल्ली की भीड़ से वह बेहद प्रभावित दिखीं। मैं अकेली नहीं दौड़ रही थी—पूरे स्टेडियम की ऊर्जा मेरे साथ थी।
2028 लॉस एंजेलिस पैरालंपिक्स—अब अगला अध्याय अब मैग्दलेना का सपना है कि 2028 में लॉस एंजेलिस पैरालंपिक्स में ञ्ज72 इवेंट को शामिल किया जाए और वह वहां देश के लिए गोल्ड लाएं।
आपके लिए प्रेरणा, हमारे लिए गर्व मैग्दलेना एंड्रुस्ज़किविच सिर्फ एक नाम नहीं, एक मिसाल हैं—कि चाहे जि़ंदगी कितनी भी बदल जाए, आप उसे दोबारा लिख सकते हैं। चाहे पैरों की ताकत छिन जाए, सपनों की उड़ान नहीं रुकती। वह कहती हैं शारीरिक अक्षमता जि़ंदगी का अंत नहीं है। अगर अंदर जुनून जिंदा है, तो हर सपना हकीकत बन सकता है।
समाज में कुछ बेहतर और उससे ज्यादा नवाचार की खबरे। व्यवसाय खबर डॉट कॉम का लक्ष्य नकारात्मक के बजाय सकारात्मक खबरों से समाज के हर वर्ग जागरूक किया जाय । पुरी कोशिश की सही और निष्पक्ष-मंथन के बाद खबरे वेबसाइट पर प्रकाशित हो।। पत्रकारिता से गहरा लगाव, सोच यही…