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सड़क दुर्घटना पीड़ितों का अब डेढ़ लाख रुपए तक होगा नि:शुल्क इलाज

सिर्फ आयुष्मान भारत योजना से संबद्ध अस्पतालों में मिलेगी सुविधा

नकदी रहित उपचार योजना 2025 को प्रदेशभर में होगा लागू

ट्रॉमा के हर केस पर सरकार का कवच, इलाज में अब नहीं होगी देरी

पूरे परिवार का इलाज मुफ्त, दुर्घटना पीड़ितों को मिलेगा ज्यादा लाभ

-विशेषज्ञ या संसाधन उपलब्ध नहीं हैं, तो पोर्टल पर अपडेट कर बड़े अस्पताल में करना होगा रेफर

रायपुर। प्रदेश में सड़क दुर्घटना पीड़ितों को अब इलाज के लिए आर्थिक चिंता से मुक्ति मिलेगी। क्योंकि केंद्र सरकार के माध्यम से शुरू की गई सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए नकदी रहित उपचार योजना 2025 को प्रदेश में लागू कर दिया गया है। इस जनहितकारी योजना के तहत सभी आयुष्मान भारत योजना से संबद्ध अस्पतालों में मरीजों को 7 दिनों तक 1.5 लाख रुपए तक का मुफ्त कैशलेस इलाज मिलेगा। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बताया कि यह स्कीम अत्यंत जनोपयोगी है, जो सड़क हादसों में घायल लोगों को तुरंत और सुलभ इलाज सुनिश्चित करेगी। इसके लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और गृह मंत्री विजय शर्मा का आभार जताया।

सुविधा नहीं तो संबंधित अस्पताल को करना होगा रेफर
योजना के तहत यदि किसी अस्पताल में जरूरी विशेषज्ञ या संसाधन उपलब्ध नहीं हैं, तो अस्पताल उस केस को पोर्टल पर अपडेट करते हुए संबंधित बड़े अस्पताल में रेफर कर देगा, ताकि तुरंत बेहतर इलाज शुरू किया जा सके। ट्रॉमा और पॉलीट्रॉमा मामलों के लिए अतिरिक्त सक्षम अस्पतालों को भी योजना में शामिल किया जा रहा है। सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को इस संबंध में स्पष्ट निर्देश दिए जा चुके हैं।

रायपुर में लगातार बढ़ रहा हादसों का ग्राफ

रायपुर जिले में लगातार हादसों का ग्राफ बढ़ रहा है। आंकड़ों की बात करें, तो जनवरी २०२५ से लेकर अप्रैल २०२५ तक जिले में जनवरी से लेकर अब तक ६५० सड़क हादसे हुए हैं। इन हादसों में २२१ लोगों की मौत हुई है। वहीं ४३६ लोग घायल हुए हैं।

योजना के लिए एजेंसी क्या काम करेगी ?

योजना के तहत अस्पतालों को शामिल करना।
घायलों को इलाज, उसके भुगतान के लिए पोर्टल्स को देखना।
राज्य की तरफ से राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण यानी नेशनल हेल्थ अथॉरिटी से समन्वय बनाना।
किसी तरह की धोखेबाजी या भ्रष्टाचार के मामलों को देखना और एनएचए से समन्वय बनाना।
इसके तहत जो भी शिकायतें आएंगी, उसके निवारण के लिए एक सिस्टम तैयार करना।
अस्पतालों को समय पर भुगतान हो रहा है या नहीं, ये देखना।

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