Dog lovers are happy with the Supreme Court's decision
फैसले में कहा है कि नसबंदी के बाद कुत्तों को उसी जगह छोड़ा जाए, जहां से उन्हें उठाया गया था
रायपुर। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आवारा कुत्तों पर बड़ा फैसला सुनाते हुए डाग लवर्स को राहत दी है।Dog lovers are happy with the Supreme Court’s decision न्यायालय ने अपने फैसले में कहा है कि नसबंदी के बाद कुत्तों को उसी जगह छोड़ा जाए, जहां से उन्हें उठाया गया था। केवल बीमार और रेबीज (आक्रामक) कुत्ते शेल्टर होम में रहेंगे। कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में सभी कुत्तों को शेल्टर भेजने के 11 अगस्त के आदेश पर रोक लगा दी है।
शेल्टर हाउस का निमार्ण कार्य अभी तक पूरा नहीं हो पाया

छत्तीसगढ़ सहित राजधानी में भी डाग लवर्स न्यायालय के फैसले से खुश है, लेकिन दूसरी तरफ राजधानी में डाग बाइट के मामले में कमी नहीं देखी जा रही है। SC’s big decision on stray dogs: Dog lovers are happy, but construction of Raipur’s shelter house is incomplete
जानकारों की माने तो लगभग रोजाना औसतन 20 से अधिक मामले अंबेड़कर अस्पताल में पहुंच रहे है। इसमें बच्चों से लेकर बुजुर्ग सभी शामिल हैं। इसके बाद भी रायपुर नगर निगम द्वारा सोनडोंगरी में शेल्टर हाउस का निमार्ण कार्य अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। जबकि 2024 तक पूरा किया जाना था।

राजधानी में औसतन 20 से अधिक प्रकरण
छत्तीसगढ़ में साल 2023 में लगभग 1 लाख 20 हजार लोगों को कुत्तों ने काटा था। मानव अधिकार आयोग ने पिछले साल अगस्त महीने में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह आंकड़े जारी किए थे। साथ ही प्रदेश में बढ़ते डॉग बाइट के मामले में चिंता जाहिर कर नगर निकायों को उचित कदम उठाने की सलाह दी थी।
कुछ आंकड़े जोकि संभावित है
-शेल्टर में 77 कुत्तों की क्षमता, नसबंदी के लिए ऑपरेशन थिएटर और मृत कुत्तों के लिए क्रीमेशन सुविधा भी शामिल है।
-साल 2022 के सर्वे के अनुसार निगम में लगभग 10 हजार आवार कुत्ते हैं।
-मेकाहार में पिछले 6 महीने में 1764 डॉग बाइट्स के मामलें ।
-हमर अस्पतालों को मिलाकर पिछले महीने के आंकोड़ों के साथ 1200 डॉग बाइट्स के मामले


स्ट्रीट डॉग्स राजधानी के लिए चुनौती
महापौर मीनल चौबे ने कहा है सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद बीच का रास्ता खोजने की कोशिश की जा रही है। शहर के दूरस्थ स्थानों पर डॉग फीडिंग ज़ोन बनाने की योजना है। डॉग लवर्स खुद फूड अरेंजमेंट करें निगम सहयोग देगा। उन्होंने बताया कि आवारा कुत्ते राजधानी के लिए गंभीर समस्या बन चुके हैं। शिकायतें लगातार मिल रही हैं।
नसबंदी अभियान को बढ़ाया जाएगा
नगर निगम बधियाकरण (नसबंदी) अभियान को तेज करने जा रहा है। उन्होंने माना कि नसबंदी के बाद कुत्तों को कहां छोड़ा जाए, यह भी बड़ी चुनौती है, क्योंकि एक ओर लोग कुत्तों को हटाना चाहते हैं, वहीं दूसरी ओर डॉग लवर्स उन्हें बचाने के पक्ष में हैं।
रायपुर में पिछले 3 साल में 51 हजार से अधिक लोगों को कुत्ते ने काटा
साल लोगों को काटा जानवरों को काटा
2022-23 1 3042 879
2023-24 24924 986
2024-25 13760 938
भारत में आवारा कुत्तों की संख्या

भारत में आवारा कुत्ते की संख्या लगातार बढ़ रही है. 2019 की 20वीं पशु जनगणना के अनुसार, देश में कुल 1.53 करोड़ आवारा कुत्ते हैं. दिल्ली में 60,472 आवारा कुत्तों का अनुमान था, जो अब और बढ़ गया होगा.सबसे ज्यादा आवारा कुत्ते उत्तर प्रदेश, ओडिशा और महाराष्ट्र में पाए जाते हैं. उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश में 20 लाख से अधिक और महाराष्ट्र में 12.7 लाख आवारा कुत्ते हैं.
डॉग बाइट और खतरा
आंकड़े बताते हैं कि साल 2024 में देशभर में 37,15,713 कुत्तों के काटने के मामले सामने आए. केवल जनवरी 2025 में ही दिल्ली में 3,196 मामले दर्ज किए गए, यानी प्रतिदिन लगभग 103 लोग कुत्तों से प्रभावित हुए.

सुप्रीम कोर्ट के अहम निर्देश
-सार्वजनिक स्थानों पर कुत्तों को खाना खिलाना पूरी तरह होगा प्रतिबंधित
-हर म्युनिसिपल ब्लॉक में कुत्तों के लिए तय फीडिंग जोन होगा।
-उल्लंघन पर होगी कार्रवाई, शिकायत के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी होगा।
-कुत्तों पर नियंत्रण के लिए कानून बनाने की सिफारिश।