डाक से आईं इन राखियों को सोमवार को सेवाधिकारी ने आराध्य के चरणों में अर्पित कीं
-कोई तीन वर्ष से नहीं मिलने से दुखी, तो किसी को बेटी के विवाह की चिंता
-देशभर से दस हजार से अधिक बहनों की राखियां आराध्य के चरणों में अर्पित
उत्तरप्रदेश, मथुरा। रक्षाबंधन के पर्व पर ठाकुर बांकेबिहारी को भेजी गई दस हजार से अधिक राखियां देश के विभिन्न क्षेत्रों से मिली। डाक से आईं इन राखियों को सोमवार को सेवाधिकारी ने आराध्य के चरणों में अर्पित कीं। बड़ी संख्या में राखियों के साथ ठाकुर जी के नाम बहनों ने पत्र भी लिखे थे। सेवाधिकारी ने इनमें कुछ पढ़कर ठाकुर जी को सुनाए। कानपुर की श्यामा शुक्ला ने अपनी बेटी के विवाह के लिए अच्छा वर ढूंढने का आग्रह किया। लिखा कि मेरे भाई के नाते आप उसके मामा हो। बेटी के पिता नहीं हैं, इसलिए ये सारी जिम्मेदारी अब आपकी है। जयपुर की कुसुम ने भी पति की बीमारी ठीक करने की प्रार्थना की।
ठाकुरजी को विदेशी महिला श्रद्धालुओं ने राखी बांधी
मेरे श्याम सलोने। मेरे ठाकुर गोपाल, आप ही तो पालनहार हो। रक्षा का वचन आपसे बेहतर कौन निभाएगा। पिछले तीन वर्ष से मैं बहुत दुखी हूं। चाहकर भी आपके पास नहीं आ पा रही हूं। आप मेरे भाई हैं, पालनहार हो। मेरा संकट दूर करो। ये करुण पुकार है, दिल्ली की रूपा शर्मा की। देशभर से ऐसी ही करुण पुकार से भरे पत्र के साथ मिली बहनों की राखी ठाकुर बांकेबिहारी की कलाई पर बांधी गईं। ये राखियां डाक से भेजी गई थीं। सोमवार को सेवायत ने राखी बांधने के साथ ही बहनों के पत्र ठाकुरजी को पढ़कर सुनाए। वृंदावन के सेवाकुंज गली स्थित कृष्ण बलराम मंदिर में ठाकुरजी को विदेशी महिला श्रद्धालुओं ने राखी बांधी।
राखी भेजने वाली बहनों को भेजा जाए रिटर्न गिफ्ट
सेवायत श्रावणी सत्संग में सेवायतों ने मंदिर प्रबंधन से बांकेबिहारी के लिए राखी भेजने वाली बहनों को रिटर्न गिफ्त भेजने की मांग की। आचार्य प्रह्लाद बल्लभ गोस्वामी ने कहा मंदिर कार्यालय के अलावा सेवायतों के पास बहनों द्वारा भी राखी सामग्री भेजी जाती हैं। इन बहनों को उपहार के रूप में ठाकुरजी का प्रसाद अथवा पत्र व वाट्सएप के जरिए उन्हें जवाब मिलना चाहिए। उन्हें यह भी संतुष्टि हो सके कि उनकी राखी ठाकुरजी तक पहुंच गई।