राजमार्ग के किनारे हर 10-12 किलोमीटर की दूरी पर पशु आश्रय स्थल बनाने की है तैयारी
राजनांदगांव : राष्ट्रीय राजमार्ग पर बेसहारा मवेशियों की हो रही दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए राजनांदगांव जिला पंचायत विभाग एक अनुठी पहल शुरू करने जा रही है। इस पहल के तहत अब जिले के उद्योगपति बेसहारा मवेशियों के पालक बनेगें। अर्थात पशुओं के चारा-पानी से लेकर देखरेख की जिम्मेदारी उद्योगपति ही उठाएंगे। जिसकी शुरुआत मौजूदा समय विभाग तीन पशु आश्रय स्थलों से के तौर पर शुरू करने जा रही है।

कार्ययोजना की तैयारी में जुटा विभाग
जिला पंचायत सीईओ सुरूचि सिंह (भारतीय प्रशासनिक सेवा) की माने तो इसके लिए मनकी, अंजोरा व भानपुरी में स्थल चयन कर लिया गया है। शहर में रेवाडीह वाले गोठान को आश्रय स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। जिसके लिए विभाग कार्ययोजना की तैयारी में जुट गया है।
पशु आश्रय स्थल बनाने की तैयारी
योजना के तहत कुछ जगह पर बेसहारा मवेशियों की देखरेख व व्यवस्था का जिम्मा अब गैर शासकीय संगठन (एनजीओ) को देना का निर्णय लिया गया है। जिसके लिए घुमंतू मवेशियों को भटकने के बजाय सुरक्षित स्थानों पर रखा जाएगा। राजमार्ग के किनारे हर 10-12 किलोमीटर की दूरी पर पशु आश्रय स्थल बनाने की तैयारी है। वहां ऐसे घुमंतू मवेशियों को रखे जाने की व्यवस्था बनाई जाएगी।
डेढ़ सौ से अधिक पशुओं को रखा गया
योजना के अनुसार जिन तीन आश्रय स्थलों से यह शुरुआत की जा रही है, वहां सभी तरह की सुविधा व व्यवस्था के लिए उद्योग समूह आइबी ग्रुप, राजाराम मेझ प्रोडक्ट व कमल साल्वेंट को जिम्मेदारी दी जाएगी। स्थल विस्तार के बाद अन्य उद्योगों को इससे जोड़ा जाएगा। वहां आने वाले खर्चों का वहन वे सामाजिक उत्तरदायित्व मद (सीएसआर) से करेंगे। समाजसेवी संगठनों से भी सहायता ली जाएगी। अभी बनाए गए अस्थायी आश्रय स्थलों में डेढ़ सौ से अधिक पशुओं को रखा गया है।