अपडेटजागरूक करने जैसे कार्यताजा खबरसमाचारसमाज

दिल्ली मॉडल की तर्ज पर–हर जाति वर्ग के पुजारी पुरोहित संघ में, सब को मिलेगा लाभ: डॉ. सौरव निर्वाणी

प्रदेश में पुजारी, पुरोहित और भागवताचार्यों को मिले मासिक मानदेय

-अमित चाैहान
बेमेतरा। चतुर्वर्णार्थ धर्म स्तंभ काउंसिल की बैठक रामजानकी मंदिर नवागढ़ के महंत सुरेंद्र दास, महंत राधेश्याम दास, महंत हरिशंकर दास नागा महाराज की उपस्थिति में सम्पन्न हुई। जिसमें प्रदेश के पुजारी, पुरोहित, भागवताचार्य एवं भजनानंदियों के सामाजिक-आर्थिक संरक्षण को लेकर निर्णय लिया गया। बैठक में यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हुआ कि प्रदेश के सभी पुजारी, पुरोहित एवं भागवताचार्यों को दिल्ली की तर्ज पर प्रतिमाह 15,000 का मानदेय प्रदान किया जाना चाहिए। इस विषय पर शीघ्र ही प्रदेश के मुख्यमंत्री से प्रतिनिधिमंडल मुलाकात कर औपचारिक मांग करेगा।

सनातन परंपरा के संवाहक
बैठक की अध्यक्षता अखिल भारतीय पुजारी पुरोहित संघ के संरक्षक नागा संत हरिशंकर दास ने की। उन्होंने स्पष्ट कहा सनातन परंपरा के संवाहक पुजारी-पंडित, पुरोहित और भागवताचार्य केवल मंदिरों और अनुष्ठानों के संरक्षक ही नहीं, बल्कि समाज की आस्था के दीपस्तंभ हैं। उन्हें सम्मान और सुरक्षा देना राज्य सरकार का परम कर्तव्य है।

धर्म और संस्कृति की रक्षा में संलग्न पुजारी, पुरोहित एवं गृहस्थ संतों को लेकर एक बड़ी पहल करते हुए अखिल भारतीय पुजारी पुरोहित संघ ने छत्तीसगढ़ में मासिक मानदेय योजना के तहत सभी परंपराओं के धर्मसेवकों को सम्मिलित करने की मांग उठाई है।

संघ के संयोजक डॉ. सौरव निर्वाणी ने कहा कि आदिकाल से सनातन धर्म की सेवा में लगे पुजारियों, भागवताचार्यों के साथ-साथ कबीरपंथी, सिख, सतनामी, सिंधी समाज और अन्य परंपराओं में अनुष्ठान करने वाले गृहस्थ संतों को भी इस योजना में समान रूप से शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी परंपराओं का सम्मान करना आवश्यक है।

प्रदेशाध्यक्ष महंत सुरेंद्र दास (रामजानकी मंदिर) ने कहा कि संघ का संकल्प है कि प्रदेश के सभी हिन्दू पुजारी, पुरोहित और भजनानंदियों को एक सूत्र में बांधा जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि संघ सर्ववर्णीय है, जिसमें सभी वर्णों के संत और पुजारी सम्मिलित हैं।

महत्वपूर्ण निर्णय

🔹 संगठन के प्रतिनिधि मंडल द्वारा जिला, ब्लॉक और ग्राम पंचायत स्तर पर पुजारियों की संख्या और विवरण संकलित कर सरकार को सौंपा जाएगा
🔹 यह विवरण मासिक मानदेय योजना को पारदर्शी और व्यवस्थित रूप से लागू करने में मदद करेगा।
🔹 दिल्ली मॉडल के आधार पर छत्तीसगढ़ में यह एक ऐतिहासिक शुरुआत होगी।
🔹 सभी समाजों और परंपराओं के गृहस्थ संतों को भी इस योजना में सम्मिलित किया जाएगा।
🔹 शीघ्र ही मुख्यमंत्री से मुलाकात कर मांग-पत्र सौंपा जाएगा।

प्रदेशभर से मिला समर्थन

धर्म स्तंभ काउंसिल की इस पहल का प्रदेश के सभी प्रमुख संतों और अखाड़ों ने स्वागत किया है।
अखिल भारतीय वैष्णव ब्राह्मण सेवा संघ के राघवेंद्र दास, डॉ. रविंद्र द्विवेदी, छोटे राजा जे के लाल, भागवताचार्य अशोक चतुर्वेदी, रूपेश पचौरी महाराज, तथा निर्वाणी, निर्मोही व दिगंबर अखाड़ों के संतों ने इस पहल को सनातन धर्म सेवकों के सम्मान की दिशा में बड़ा कदम बताया है।राष्ट्रीय अध्यक्ष देवकुमार बालादास ने छत्तीसगढ़ इकाई को इस ऐतिहासिक प्रयास के लिए बधाई दी है।

https://pakavo.in/

Leave A Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *