महज चौदह वर्ष की आयु, अनजान शहर में कहां जाना होगा, क्या काम करना पडे़गा कुछ भी पता नहीं था, बस कुछ हटकर करना है। यही मन में उद्देश्य और उत्साह लेकर अहमदाबाद के उद्योगपति श्री पन्नालाल जायसवाल मुंबई में पहुंचे। उन्हें यह कभी आभास नहीं था कि वह पान लगाने के पेश से जुड़कर एक दिन उद्योगपति के तौर पर पहचाने जाएगें। लेकिन संघर्ष और ईमानदारी के बदौलत उनके जीवन में एक बड़ा मुकाम या कहे मुंबई में पान की दुकान ने उनकी किस्मत बदल दी। जिसका अंदाजा उन्हे भी कभी नहीं था। बस भरोसा इतना जरूर था कि मेहनत कर कुछ बड़ा करना है।
व्यवसाय खबर डाट काम vyavasaykhabar.com से लंबी चर्चा के दौरान उन्होंने बताया कि आज मेरी इस सफलता के पीछे मां स्वर्गीय कौशल्या देवी का आशीवार्द, साथ ही मुंबई के जोगेश्वरी महाकाली गुफा की उस छोटी सी पान की दुकान के बदौलत ही सब कुछ मिला है।इसलिए जीवन की सफलता का श्रेय मां और पान की दुकान को ही देना चाहुंगा। आपको बताते हुए आज मुझे बड़ी खुशी हो रही है कि मैने चालीस वर्ष पहले उस छोटी सी पान की दुकान पर दिन-रात मेहनत कर बहुत कुछ सीखा। कार्य करने के दौरान किस प्रकार से पान, सुगंधित सुपारी के साथ बाजार में कैसे व्यवसाय की जाती है। इसकी जानकारी हुई। साथ ही ग्राहक और एक कारोबारी का रिश्ता क्या होता है।
दूसरों का सहयोग करके उन्हें भी आगे बढ़ाया
जौनपुर (उत्तरप्रदेश) से 1400 किलोमीटर ट्रेन का सफर कर मुंबई पहुंचे श्री पन्नालाल के मन में कुछ नया करने का जोश बचपन से ही थी। बस उसे साबित करने का उन्हें असली वक्त इंतजार था। ऐसे ही कर्म-योगी और उद्योगपति, सामाजिक, धार्मिक महानुभाव उद्योगपति श्री पन्नालाल जायसवाल जी का जिक्र हम यहां कर रहे हैं, जिन्होंने उत्तरप्रदेश की उर्वरा भूमि में जन्म लेकर संघर्ष करते हुए न केवल अपना जीवन संवारा, बल्कि घर-परिवार, समाज और दूसरों का सहयोग करके उन्हें भी आगे बढ़ाया।
सतत मेहनत और नेक इरादे के साथ अम्बे मां और माता कौशल्या देवी का आशीवार्द मिला। जिसकी बदौलत लगातार बारह से पंद्रह घंटे मेहनत करने का परिणाम कुछ वर्षो में मिलने शुरू हो गए। उनकी सफलता की गाथा में खास बात यह है कि एक ठेठ गांव का युवा गांव महज पांचवी तक की पढ़ाई कर जन्मभूमि से निकलकर, अपने श्रम से आगे बढ़ता है और सोने का चम्मच लेकर पैदा हुए लोगों की पंक्ति में आगे खड़ा हो जाता है।

पिता मोटे अनाज खरीदने का करते थे व्यवसाय
महज पांचवीं क्लास तक पढ़ाई करने वाले उद्योगपति श्री पन्नालाल जायसवाल का जन्म ग्राम- शिवरिहा, जिला-जौनपुर, उत्तर प्रदेश में हुआ। उनके पिता का नाम स्वर्गीय श्री बैजनाथ और माता का नाम स्वर्गीय श्रीमति कौशल्या देवी जायसवाल था। 11 नवंबर, 1944 को जन्मे उद्योगपति श्री पन्नालाल जायसवाल कुल पांच भाई-बहन थे- स्वर्गीय सीताराम, स्वर्गीय राजाराम, पन्नालाल, बहन कलावती और शांति देवी। पिता बैजनाथ जायसवाल का तिलहन सहित मोटे अनाज खरीदने का छोटा-सा व्यवसाय करते थे।
पिता के कारोबार में मन नहीं लगता था
श्री पन्नालाल बचपन से ही बड़े ही शांत प्रिय के साथ होशियार थे। कुछ अलग करने की सोच रखने वाले श्री पन्नालाल का मन पिता के कारोबार में नहीं लगता था, लेकिन पिता की यही इच्छा थी कि जीवन में कोई भी कारोबार करने के लिए लगन और मेहनत सबसे जरूरी है, जिसे किसी भी कारोबार से सीखा जा सकता है। इसलिए नहीं चाहते हुए भी पारंपरिक व्यवसाय के कार्य में जुट रहे रहते थे।
पहली बार 1962 में पहुंचे मुंबई
उद्योगपति श्री पन्नालाल जायसवाल अपने अन्य भाइयों और बहनों की अपेक्षा माता कौशल्या देवी के बहुत लाडले थे, इसलिए पिता की अपेक्षा जब कभी वे मुंबई जाते तो मां को जरूर बताते। इसी तरह कुछ अपने तरीके से कार्य करने के लिए उनका मुंबई अपने बड़े भाई के पास 1962 से लेकर 1964 तक कई बार आना-जाना हुआ।
ट्रेन में चिक्की तक बेची
संघर्ष के दिनों में श्री पन्नालाल ने लोकल ट्रेन में चिक्की, फल भी बेची, लेकिन लंबे समय तक पान की दुकान से जुड़े रहे। उन्होंने कभी किसी कार्य को करने में आलस नहीं दिखाई, सतत मेहनत करते रहते थे। कुछ वर्ष बाद उन्होंने पान की दुकान के साथ ही सुगंधित सुपारी, किमाम, पान मसाला, चटनी, स्वयं तैयार करने के लिए जोगेश्वरी में कारखाना खोला। जोकि मानों उनकी सफलता का दरवाजा खुल गया। हालांकि इस दौरान पारिवारिक जिम्मेदारियां भी बढ़ने लगी।
महक ग्रुप से जीवन में मिली सफलता
मुंबई के कारोबार को लेकर अक्सर बेंगलुरु, अहमदाबाद, दिल्ली जैसे प्रमुख शहरों में उद्योगपति पन्नालाल जी का आना-जाना होता था। उद्योगपति पन्नालाल जी को अहमदाबाद में व्यापार को बढ़ाने में पुराने व्यवहार और मां अंम्बे का आशीवार्द मिलता गया।इसके बाद उनकी जिंदगी में तरक्की का बड़ा बदलाव आया कि वह फिर कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखे। मौजूदा समय अहमदाबाद-गुजरात में सी एंड एफ एजेंट के रूप में कार्य कर रहे है। इसके अलावा होटल के व्यवसाय से लेकर कलावती ऑर्गेनाइजर प्राइवेट लिमिटेड, रियल वैल्यू फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड, पैकिंग डिस्ट्रीब्यूटर सहित पीवी इंटरप्राइजेज, प्रकाश हिंदी हाई स्कूल, अरिहंत इंटरप्राइजेज, शिवांस इंटरप्राइजेज, जीपीके हालीडेज की नींव रखी।
जब मातृभूमि के लिए कुछ करने का हुआ मन
कारोबार में बड़ी सफलता मिलने के बाद उद्योगपति पन्नालाल ने अपनी मातृभूमि के प्रति भी स्वयं की जिम्मेदारी को समझते हुए और गांव में बच्चों को शिक्षा के लिए कई किलोमीटर दूर का सफर न करना पड़े, इसके लिए 17 जुलाई, 2011, दिन रविवार को कौशल्या देवी बैजनाथ जायसवाल मैना देवी शेर बहादुर सिंह महाविद्यालय की नींव ग्राम गुवावा, भीलमपुर में नींव रखी। मौजूदा समय में कॉलेज में कला से लेकर कई तकनीकी पाठ्यक्रम संचालित हो रहे हैं। गांव की बेटियों को अब कई किलोमीटर साइकिल से सफर नहीं करना पड़ रहा है। साथ ही समाज से जुड़े हुए कमजोर तबके के छात्रों को पाठ्यक्रम की फीस में विशेष छूट देने की पहल भी शुरू की गई है।
[/vc_column_text][/vc_column_inner][/vc_row_inner][/vc_column][/vc_row]Featured Videos
Latest News
अंतरराष्ट्रीय फादर्स डे- पिता वो फरिश्ता है, जो बच्चों…
अंतरराष्ट्रीय फादर्स डे पर कुछ सज्जनों से की गई बातचीत रायपुर। पिता वो फरिश्ता है जो अपने बच्चों!-->!-->!-->…
बेटे के जीवन पर आया संकट तो किडनी देकर पिता और ससुर ने…
70 वर्षीय पिता को था प्रोस्टेट कैंसर, एम्स रायपुर के नेफ्रालांजी विभाग में सफल उपचार-एम्स के!-->!-->…
रायपुर में कचरे से बनेगी गैस:100 करोड़ का होगा…
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उपमुख्यमंत्री अरुण साव की उपस्थिति में हुई थी रायपुर। रायपुर में अब!-->!-->!-->…
खुशबू गुजरात के अभियान से पूर्व सीएम विजय रूपाणी का…
बेटे पुजित के निधन के बाद, पुजित रूपाणी मेमोरियल ट्रस्ट की स्थापना की व्यवसाय खबर डाट काम की पूरी!-->!-->!-->…
अब्बा हुजूर ब्रांड का उल्लंघन: दिल्ली कोर्ट की बड़ी…
-पूरे गोदाम को सील कर उसकी चाबियां कोर्ट कमिश्नर को सौंपी गईं-रायपुर के टैगोर नगर और एकता नगर,!-->…
अहमदाबाद विमान हादसा, ब्रिटिश नागरिक समेत 2 लोग जिंदा…
अहमदाबाद । अहमदाबाद में गुरुवार दोपहर एअर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर प्लेन क्रैश हो गया। इसमें!-->…
मैट्स यूनिवर्सिटी में एनजीओ मीट-2025 का आगाज़, 60 से…
विवि में जुटेंगी देशभर की सामाजिक संस्थाएं, मैट्स यूनिवर्सिटी बना समाज सेवा का मंच रायपुर।!-->!-->!-->!-->!-->!-->!-->…
nice person
exlcelnt writng
धन्यवाद